बिहार में एनडीए का चुनावी समीकरण ,बीजेपी-जेडीयू के बीच सीट बंटवारे पर सस्पेंस, चिराग और मांझी का इंतजार
News India Live, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (एनडीए) में सीट बंटवारे को लेकर इन दिनों खूब अटकलें लगाई जा रही हैं. जहां सभी घटक दल चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाने में लगे हैं, वहीं बीजेपी और जेडीयू जैसी बड़ी पार्टियों के बीच सीटों के तालमेल पर अभी तक अंतिम मुहर नहीं लग पाई है. ऐसे में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) जैसे सहयोगियों की नजरें भी सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर टिकी हैं.
क्या है एनडीए में सीटों के बंटवारे का पेचीदा गणित?
बिहार एनडीए में प्रमुख तौर पर पांच दल शामिल हैं: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) (चिराग पासवान गुट), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) (जीतन राम मांझी गुट), और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा गुट). 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए ने बिहार में शानदार प्रदर्शन किया था, और अब उसी जीत की लय को विधानसभा चुनावों में भी बरकरार रखने की कोशिश हो रही है. लेकिन यह काम उतना आसान नहीं दिख रहा है.
- बीजेपी और जेडीयू: सूत्रों की मानें तो बीजेपी और जेडीयू के बीच बराबर-बराबर सीटों पर लड़ने की सहमति बनी थी, जिसमें दोनों दल लगभग 101-101 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकते थे. हालांकि, जेडीयू द्वारा अपनी 57 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद से इसमें थोड़ी बदलाव की संभावना जताई जा रही है. कुछ विश्लेषक यह भी मानते हैं कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बीजेपी अब 'बड़े भाई' की भूमिका में रहना चाहेगी.
- चिराग पासवान (एलजेपीआर): चिराग पासवान ने लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था और उनकी पार्टी को 29 सीटों का प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर जेडीयू ने भी अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, जिससे उनके बीच तनाव बढ़ गया है.
- जीतन राम मांझी (हम): पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' को 6 सीटें मिलने की उम्मीद है. उनकी मांग थी कि उनकी पारंपरिक सीटों पर उन्हें मौका दिया जाए.
- उपेंद्र कुशवाहा (आरएलएम): राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा को भी 6 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है. वे भी कुछ खास सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं.
चुनौतियां और उम्मीदें (Bihar Assembly Election 2025 Outlook):
यह 'बिहार एनडीए सीट बंटवारा' की कवायद इसलिए भी पेचीदा हो जाती है क्योंकि हर दल अपनी मौजूदा सीटों और राजनीतिक कद के हिसाब से ज़्यादा से ज़्यादा सीटें मांग रहा है. जेडीयू द्वारा पहले अपनी लिस्ट जारी करने से साफ है कि वे अपने आधार और सीटों पर किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार नहीं हैं. इससे चिराग पासवान और अन्य छोटे सहयोगी दलों पर दबाव बढ़ा है. 'एनडीए गठबंधन में कलह' की खबरें लगातार आती रही हैं.
अब सभी की निगाहें बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और अन्य घटक दलों के बयानों पर टिकी हैं कि वे इस 'सीटों के बंटवारे' को लेकर क्या अंतिम फैसला लेते हैं. विधानसभा चुनाव 2025 बिहार में यह तय करेगा कि एनडीए का ये एकजुट चेहरा क्या मतदाताओं को फिर से लुभा पाएगा या आपसी खींचतान का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. 'बिहार चुनाव की तैयारी' अपने चरम पर है.
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