नवजोत सिंह सिद्धू ने फिर खड़ी की कांग्रेस के लिए मुश्किलें, उठाया बड़ा कदम!

गुरुवार को नवजोत सिंह सिद्धू के पटियाला स्थित आवास पर बैठक हुई. इस बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पार्टी के नेताओं ने फैसला किया कि वे लोकसभा चुनाव में न तो कांग्रेस उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे और न ही कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ किसी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. इस मौके पर नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह दूलो, पूर्व विधायक नजर सिंह मानशाहिया, जगदेव सिंह कमालू, महेश इंदर सिंह और बठिंडा ग्रामीण कांग्रेस प्रभारी हरबिंदर लाडी समेत पंजाब के कई कांग्रेस नेता वहां मौजूद थे.

बैठक में निष्कर्ष निकाला गया कि पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को तभी याद करती है जब पार्टी को मजबूत करने के लिए उनकी जरूरत होती है, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है। जिस दौरान पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार तय किए, उस दौरान नवजोत सिंह सिद्धू से कोई चर्चा नहीं की गई. हालाँकि, अब वह प्रचार रैलियों के लिए सिद्धू का समर्थन मांग रहे हैं।

 

सिद्धू पार्टी से नाराज हैं. उनका कहना है कि जब नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरे पंजाब में रैलियां कर रहे थे तो इन रैलियों का आयोजन करने वाले कई नेताओं को गलत तरीके से पार्टी से निकाल दिया गया. बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक पार्टी हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू से बातचीत कर पूरे मामले का समाधान नहीं निकाल लेती और कांग्रेस से निष्कासित किए गए सिद्धू गुट के नेताओं को दोबारा पार्टी में शामिल नहीं कर लेती, तब तक सिद्धू गुट का कोई भी सदस्य कांग्रेस में शामिल नहीं होगा. प्रत्याशियों के लिए प्रचार नहीं करेंगे.

उन्होंने अपनी पत्नी की खराब सेहत का हवाला देते हुए टिकट लेने से इनकार कर दिया था और बाद में वित्तीय कारणों का हवाला देते हुए आईपीएल में शामिल हो गए। फिलहाल, सिद्धू आईपीएल से बतौर कमेंटेटर जुड़े हुए हैं. आईपीएल से जुड़े होने के कारण सिद्धू ने राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बना रखी है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनके गुट के नेताओं के साथ हुई इस बैठक से पंजाब कांग्रेस में स्थिति एक बार फिर ‘सिद्धू बनाम सभी’ की हो सकती है.