नाग पंचमी आज: जानें नाग देवता की सरल पूजा विधि और महाउपाय
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता (सर्प देवता) की पूजा का विशेष विधान है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन सच्चे मन से नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष, पितृ दोष आदि दूर होते हैं, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सर्पदंश का भय भी समाप्त होता है।
नाग पंचमी की सरल पूजा विधि:
सुबह स्नान करें: नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं।
पूजा स्थान की सफाई: घर के पूजा स्थल या एक शांत स्थान को साफ करें।
नाग की आकृति बनाएं: आप चाहें तो मिट्टी, गोबर या आटे से नाग देवता की पांच या सात फनों वाली आकृति बनाएं। आप चांदी, सोना, तांबा या पत्थर की नाग प्रतिमा की भी पूजा कर सकते हैं।
पवित्र स्नान कराएं: प्रतिमा पर गंगा जल या शुद्ध जल का छिड़काव करें। इसके बाद दूध (कच्चा दूध उत्तम), दही, घी, शहद और पानी (पंचामृत) से स्नान कराएं।
श्रृंगार और अर्पण:
नाग देवता को चंदन का लेप लगाएं।
चावल (अक्षत), फूल, दूर्वा घास (यह सर्पों को प्रिय मानी जाती है) अर्पित करें।
कच्चा दूध और बताशे या मिठाई का भोग लगाएं।
धूप-दीप जलाएं: शुद्ध घी का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं।
मंत्र जाप: नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें।
आरती करें: नाग देवता की आरती उतारें (जैसे 'ॐ जय नाग देवता')।
प्रसाद वितरण: पूजा के बाद, चढ़ाए गए दूध या मिठाई को प्रसाद के रूप में घर के सदस्यों में बांटें।
दर्शन: शिवलिंग पर या किसी ऐसे स्थान पर जहां सांप दिखते हों (सुरक्षित दूरी से) दूध अर्पित किया जा सकता है।
नाग देवता के प्रभावी मंत्र और महाउपाय:
सर्प गायत्री मंत्र (संपत्ति और समृद्धि के लिए):
ॐ नाग कुलाय विद्महे, विष दन्ताय धीमहि, तन्नो सर्प प्रचोदयात।।
(इस मंत्र का 108 बार जाप करें।)
कालसर्प दोष निवारण मंत्र:
ॐ नमः शिवाय। नागान् स्मरामि, भुजंगान् स्मरामि, शेषान् स्मरामि। (ॐ नमः शिवाय। सर्पों का स्मरण करता हूं, नागों का स्मरण करता हूं, शेषनाग का स्मरण करता हूं।)
(कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए यह एक सरल मंत्र है, जिसे रोज़ाना शिवजी के साथ पढ़ सकते हैं।)
मूल नाग मंत्र (दर्शन मात्र से लाभ):
“सर्वेषां, भुजंगमानाम्, नागलोकम्, अनूपम्, अदभुतम्, राम दर्शनाम्।।”
(सांपों से जुड़े भय को कम करने और सकारात्मक ऊर्जा के लिए)
सांप का भय दूर करने और सुरक्षा के लिए:
“क्त्वा दशनः गरुड।。” (यह गरुड़ का मंत्र है, क्योंकि गरुड़ सर्पों के शत्रु हैं, इनका स्मरण भयमुक्ति देता है।)
(यह मंत्र सर्प भय को कम करने के लिए बहुत प्रभावी माना जाता है।)
कुछ अन्य महत्वपूर्ण उपाय:
नागपंचमी पर दूध न पिएं: ऐसी मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन घर की महिलाएं सर्प देवता की पूजा के बाद नाग की तरह दूध को न पकाएं। इसलिए इस दिन कच्चे दूध को गर्म करके उसका सेवन न करें।
भूमि की खुदाई न करें: आज के दिन धरती की खुदाई या हल चलाना वर्जित माना जाता है, क्योंकि इसे नागों का घर माना जाता है।
सर्पों का सम्मान करें: अगर आपके घर या आस-पास कहीं भी सांप दिखाई दे, तो उसे नुकसान पहुंचाने की बजाय, उसे सुरक्षित तरीके से बाहर निकलने का मार्ग दें।
इस तरह आप नाग पंचमी के शुभ अवसर पर सरल विधि से नाग देवता की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
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