Mythological Story : 25 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी बूढ़ी दिवाली, जानिए क्यों मनाते हैं यह अनोखी दिवाली और इसका महत्व
News India Live, Digital Desk : जब दिवाली (Diwali) का नाम आता है, तो हमारे मन में घरों की सजावट, दीपों की जगमगाहट और गणेश-लक्ष्मी की पूजा की तस्वीर उभर आती है। लेकिन भारत की लोक परंपराओं में ऐसे कई पर्व हैं, जो मुख्य त्योहार से पहले या अलग अंदाज में मनाए जाते हैं। ऐसा ही एक अनोखा त्योहार है 'बूढ़ी दिवाली' (Budhi Diwali), जिसे 'दीपावली' से करीब 15 दिन पहले मनाया जाता है।
कब है बूढ़ी दिवाली 2025 में?
साल 2025 में, बूढ़ी दिवाली 25 अक्टूबर 2025, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। यह कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है, जो विनायक चतुर्थी भी है। इसे 'कुंवारी दिवाली' या 'जिलॉन्ग दिवाली' जैसे नामों से भी जाना जाता है, जो अलग-अलग क्षेत्रों की अपनी परंपराओं को दर्शाते हैं।
क्यों मनाते हैं बूढ़ी दिवाली? - जानिए पौराणिक कथा
बूढ़ी दिवाली मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा (Mythological Story) जुड़ी है। मान्यता है कि जब भगवान राम (Lord Rama) 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और दिवाली मनाई गई थी, तो कुछ इलाकों तक यह खबर बहुत देर से पहुंची। ऐसे में, जहां दिवाली की खबर जल्दी पहुंच गई, वहां के लोगों ने धूमधाम से त्योहार मनाया। लेकिन जिन दूर-दराज के इलाकों तक खबर देर से पहुंची, वहां के लोगों ने उसी दिन यानी कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को दिवाली मनाई। इसी वजह से इसे 'बूढ़ी दिवाली' या 'जल्दी दिवाली' भी कहा जाता है।
बुंदेलखंड (Bundelkhand) जैसे इलाकों में यह परंपरा आज भी निभाई जाती है। यहां के लोगों का मानना है कि यह असली और पारंपरिक दिवाली है, जो बिना किसी दिखावे के, बस दीये जलाकर और पारंपरिक तरीके से मनाई जाती है।
बूढ़ी दिवाली का महत्व और मनाने का तरीका:
- प्रतीकात्मक पर्व: बूढ़ी दिवाली एक तरह से दिवाली के त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है।
- पारंपरिक उत्साह: इस दिन भी लोग अपने घरों में दीये जलाते हैं, रंगोली बनाते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
- मिठाइयों का भोग: घरों में पारंपरिक पकवान और मिठाइयां बनाई जाती हैं, जैसे कि तेल से बनी खास मिठाइयां।
- लोक परंपरा: यह त्योहार लोक परंपराओं (Folk Traditions) को जीवित रखने का एक जरिया है, जो दिवाली के मुख्य उत्सव से पहले मनाया जाता है।
- अलग मान्यता: कुछ क्षेत्रों में, इसे 'जिलॉन्ग दिवाली' के रूप में मनाते हुए, युवा अलग-अलग तरह से दिवाली का अनुकरण करते हैं, जिसमें अनोखे रीति-रिवाज शामिल होते हैं।
तो, अगर आप भी दिवाली के मुख्य उत्सव से पहले एक अनोखी दिवाली का अनुभव करना चाहते हैं, तो 25 अक्टूबर 2025 को आप बूढ़ी दिवाली मना सकते हैं। यह त्योहार हमें हमारी जड़ों और पारंपरिक रीति-रिवाजों से जुड़ने का मौका देता है।
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