मानसून का खौफ: यूरिन इन्फेक्शन देगा बड़ा झटका! क्या आप हैं तैयार?

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बारिश का मौसम जहां चिलचिलाती गर्मी से राहत दिलाता है, वहीं अपने साथ कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को भी लेकर आता है। इन्हीं में से एक है 'यूरिन इन्फेक्शन' या 'मूत्र मार्ग संक्रमण' (UTI), जो मानसून के आते ही तेजी से फैलने लगता है। महिलाएं विशेष रूप से इस संक्रमण की चपेट में ज्यादा आती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि क्यों मानसून में UTI का खतरा बढ़ जाता है, इसके लक्षण क्या हैं, और आप इस संक्रमण से कैसे बच सकते हैं।

मॉनसून में ही क्यों बढ़ता है UTI का खतरा?

विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश के मौसम में बढ़ी हुई नमी और आर्द्रता (Humidity) बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती है. विशेष रूप से ई. कोलाई (E. coli) जैसे बैक्टीरिया, जो अक्सर मल में पाए जाते हैं, नम वातावरण में तेजी से बढ़ते हैं और यूरिनरी ट्रैक्ट में प्रवेश कर सकते हैं.

महिलाओं में UTI के अधिक मामलों के पीछे कुछ खास कारण हैं:

शारीरिक बनावट: महिलाओं का यूरेथ्रा (मूत्रमार्ग) पुरुषों की तुलना में छोटा और योनि के अधिक करीब होता है। इससे बैक्टीरिया आसानी से मूत्राशय तक पहुंच सकते हैं.

गीले कपड़े: मानसून में अक्सर गीले कपड़े लंबे समय तक पहने रहने की मजबूरी होती है, जिससे गुप्तांगों में नमी बनी रहती है। यह नमी बैक्टीरिया के विकास के लिए एक उपजाऊ भूमि का काम करती है. सिंथेटिक या टाइट फिटिंग वाले कपड़े इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं.

कम पानी पीना: ठंड के कारण अक्सर लोग पानी कम पीते हैं। इससे पेशाब गाढ़ा हो जाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ (toxins) बाहर नहीं निकल पाते, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.

गंदगी और स्वच्छता की कमी: बरसात में गंदगी आसानी से फैलती है। गंदे सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग या व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान न रखना UTI का प्रमुख कारण बनता है.

पेशाब रोकना: पेशाब को ज्यादा देर तक रोकना भी बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका देता है.

UTI के अनजाने लक्षण: कहीं आप भी तो नहीं कर रहे अनदेखी?

UTI हमेशा स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन जब यह होता है, तो निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं:

पेशाब के दौरान या बाद में जलन और दर्द (Dysuria).

बार-बार पेशाब आने की इच्छा, लेकिन कम मात्रा में पेशाब आना.

पेशाब को कंट्रोल न कर पाना या अचानक तेज अर्ज महसूस होना].

पेशाब का रंग बदलना, गहरा होना, बादल जैसा (Cloudy urine) या खून (Hematuria) के साथ आना.

पेशाब से तेज या दुर्गंध आना.

पेट के निचले हिस्से, कमर या पेल्विक एरिया में दर्द.

बुखार, कंपकंपी, मतली या उल्टी (यह संकेत हो सकता है कि संक्रमण किडनी तक पहुंच गया है)[1][6][7][8][19].

थकान और कमजोरी.

महिलाओं में योनि में खुजली या डिस्चार्ज में बदलाव.

अगर हो जाए UTI तो क्या करें? और बचाव के अचूक उपाय!

यदि आपको UTI के लक्षण दिखाई दें, तो इसे हल्के में न लें। यदि समस्या गंभीर है, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना महत्वपूर्ण है। लेकिन यदि संक्रमण शुरुआती चरण में है, तो कुछ घरेलू उपाय और सावधानी बरतकर इससे राहत पाई जा सकती है:

तुरंत करें ये काम:

डॉक्टर से मिलें: यदि लक्षण गंभीर हैं जैसे तेज बुखार, पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द, उल्टी या पेशाब में खून दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर यूरिन टेस्ट (Urinalysis, Urine Culture) की सलाह दे सकते हैं.

एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स: डॉक्टर द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक्स का कोर्स पूरा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, भले ही आपको कुछ दिनों में आराम मिलने लगे.

भरपूर आराम: शरीर को रिकवर होने के लिए पर्याप्त आराम देना जरूरी है।

संतुलित आहार: स्वस्थ और पौष्टिक भोजन आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है।

घरेलू नुस्खे और बचाव के अचूक उपाय:

हाइड्रेशन किंग: सबसे जरूरी है खूब पानी पिएं (दिन में 2-3 लीटर). पानी पेशाब के रास्ते बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है.

विटामिन सी युक्त फल: संतरा, नींबू, कीवी, स्ट्रॉबेरी जैसे विटामिन सी से भरपूर फल खाएं। विटामिन सी पेशाब को अधिक अम्लीय (acidic) बनाकर बैक्टीरिया को बढ़ने से रोक सकता है.

क्रैनबेरी जूस: बिना चीनी वाला क्रैनबेरी जूस UTI से लड़ने में मददगार माना जाता है, क्योंकि यह बैक्टीरिया को मूत्राशय की दीवारों से चिपकने से रोकता है.

नींबू पानी, छाछ और नारियल पानी: ये तरल पदार्थ शरीर को हाइड्रेट रखने और संक्रमण को कम करने में मदद करते हैं.

प्रोबायोटिक्स: दही, छाछ जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ गट हेल्थ को बेहतर बनाने के साथ-साथ UTI से लड़ने में भी सहायक होते हैं.

साफ-सफाई का ध्यान: गुप्तांगों की सफाई का विशेष ध्यान रखें। टॉयलेट के बाद आगे से पीछे की ओर पोंछें.

सूती और ढीले कपड़े: सिंथेटिक और टाइट कपड़ों की जगह ब्रीदेबल कॉटन के ढीले कपड़े पहनें। गीले कपड़ों को तुरंत बदलें.

पेशाब न रोकें: जब भी पेशाब आए, तुरंत जाएं। पेशाब को रोकने से बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं.

पब्लिक टॉयलेट में सावधानी: सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करते समय सीट को साफ करें या सेनेटाइज करें। कोशिश करें कि इंडियन टॉयलेट का ही प्रयोग करें.

नींद पूरी लें: अच्छी नींद आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करती है, जिससे शरीर संक्रमण से बेहतर लड़ पाता है[21].

क्या इन नुस्खों पर भरोसा करें?

डॉक्टर आमतौर पर UTI के लिए एंटीबायोटिक्स की सलाह देते हैं. हालांकि, कुछ शोधों से पता चला है कि क्रैनबेरी जूस और विटामिन सी सहायक हो सकते हैं, लेकिन इनके परिणाम निर्णायक नहीं हैं. अन्य घरेलू उपाय जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, और प्रोबायोटिक्स का सेवन समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और अप्रत्यक्ष रूप से मददगार हो सकता है. महत्वपूर्ण: किसी भी गंभीर लक्षण या बार-बार होने वाले UTI के लिए डॉक्टर से सलाह लेना सबसे सुरक्षित और प्रभावी उपाय है।

 

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