उत्तर प्रदेश में मानसून का मिला-जुला असर: पश्चिम में भारी बारिश, पूर्व में सूखा, जानिए आगामी 5 दिनों का मौसम पूर्वानुमान

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मूसलाधार, पूर्वी यूपी में चिंताजनक कमी

पिछले 24 घंटों के दौरान, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों ने जहां भारी से अत्यधिक बारिश का सामना किया, वहीं पूर्वी जिलों में सामान्य से काफी कम बारिश दर्ज की गई, जिससे एक क्षेत्रीय असंतुलन पैदा हुआ है। पश्चिमी यूपी में 14.7 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य से 123% अधिक है, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में केवल 1.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 77% कम है।

अगले कुछ दिनों के लिए मौसम अलर्ट

मौसम विभाग ने चित्रकूट, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, बलिया, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर और झांसी सहित लगभग 20 जिलों के लिए भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इन क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक भारी से अत्यधिक वर्षा होने की आशंका है, जिससे जलभराव और बाढ़ जैसी गंभीर परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।

35 जिलों में वज्रपात का खतरा

गोरखपुर, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, अयोध्या, गोंडा, बस्ती, कानपुर, देवरिया जैसे लगभग 35 जिलों में आकाशीय बिजली (वज्रपात) गिरने का खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग ने इन जिलों के निवासियों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और खुले स्थानों से दूर रहने की सलाह दी है।

लखनऊ में उमस भरी गर्मी, हल्की बारिश से राहत की उम्मीद

गुरुवार को लखनऊ में अधिकतम तापमान 36°C और न्यूनतम 27°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से अधिक था। अधिक आर्द्रता के कारण लोगों को चिपचिपी गर्मी का अनुभव हुआ। हालांकि, शुक्रवार को गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे तापमान में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

प्रदेश में समग्र बारिश की स्थिति

पिछले 24 घंटों में पूरे उत्तर प्रदेश में औसतन 6.9 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य औसत 6.5 मिमी से लगभग 7% अधिक है। हालांकि, 1 जून से 24 जुलाई तक कुल वर्षा 281.6 मिमी दर्ज की गई है, जो सामान्य से 5% कम है। इससे पता चलता है कि मानसून का अब तक का प्रदर्शन मिला-जुला रहा है।

बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का प्रभाव

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तरी बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण उत्तर प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां बढ़ गई हैं। अगले 5 दिनों तक इसी तरह भारी से अत्यधिक वर्षा, गरज-चमक और वज्रपात का दौर जारी रहने की संभावना है।

 

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