छत्तीसगढ़ में हुआ चमत्कार या पुलिस की घोर लापरवाही? 2 महीने बाद ज़िंदा लौट आया मृतक
News India Live, Digital Desk : हम अक्सर बॉलीवुड फिल्मों में देखते हैं कि हीरो की मौत हो जाती है, लोग मातम मना लेते हैं और फिर अचानक वो वापस आ जाता है। हमें लगता है कि ऐसा सिर्फ पर्द्दे पर ही होता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में हकीकत में कुछ ऐसा ही हुआ है, जिसने पुलिस प्रशासन और कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
मामला एक ऐसे शख्स का है जिसे मृत मान लिया गया था, उसकी हत्या का केस दर्ज हो गया था, और 4 लोगों को उसका 'कातिल' भी बना दिया गया था। लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब वह शख्स 2 महीने बाद सही-सलामत अपने घर लौट आया।
क्या है यह पूरा 'सस्पेंस' मामला?
दरअसल, छत्तीसगढ़ में पुलिस ने एक 'हत्या' की गुत्थी सुलझाने का दावा किया था। एक युवक गायब हुआ था और उसी दौरान एक अज्ञात शव मिला। पुलिस और शायद परिवार ने भी मान लिया कि वह शव उसी युवक का है। इसके बाद शुरू हुआ पुलिस का खेल।
पुलिस ने शक के आधार पर 4 लोगों को आरोपी बना दिया। यह दावा किया गया कि इन लोगों ने मिलकर उस युवक की हत्या की है। शायद पूछताछ (और पुलिसिया डंडे) के दबाव में कहानी भी गढ़ ली गई कि हत्या कैसे हुई। सब कुछ सेट था—कातिल पकड़े गए, फाइल तैयार हो गई और पुलिस ने अपनी पीठ भी थपथपा ली।
जब 'लाश' खुद चलकर घर आ गई
कहानी तब पलटी जब करीब 2 महीने बाद वह युवक, जिसे पुलिस फाइलों में मृत घोषित कर चुकी थी, अचानक अपने घर वापस आ गया। उसे जिंदा देखकर गांव वाले, परिवार और खासकर वे पुलिसवाले सन्न रह गए जिन्होंने उसके 'कत्ल' का केस सॉल्व किया था।
युवक ने बताया कि वह मरा नहीं था, बल्कि कहीं चला गया था (शायद काम की तलाश में या किसी और वजह से)। उसके जिंदा लौटते ही पुलिस की वह पूरी थ्योरी, जिसे उन्होंने अदालत में साबित करने की तैयारी की थी, ताश के पत्तों की तरह बिखर गई।
बेगुनाहों का क्या?
इस घटना में सबसे बड़ा सवाल उन 4 लोगों के लिए उठता है जिन्हें पुलिस ने आरोपी बनाया था। सोचिए उन पर और उनके परिवारों पर क्या बीती होगी? समाज में उनकी बदनामी हुई, पुलिस के चक्कर काटने पड़े और शायद जेल की हवा भी खानी पड़ी हो—वो भी उस जुर्म के लिए जो कभी हुआ ही नहीं।
यह मामला साफ तौर पर दिखाता है कि कैसे कभी-कभी पुलिस बिना ठोस सबूतों (DNA टेस्ट या पुख्ता पहचान) के जल्दबाजी में केस बंद करने की कोशिश करती है।
फिलहाल, 'मृतक' के जिंदा होने से परिवार में खुशी है, लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों को अब जवाब देते नहीं बन रहा है। उम्मीद है कि इस भारी चूक की निष्पक्ष जांच होगी ताकि भविष्य में किसी बेगुनाह को ऐसी सजा न मिले।
--Advertisement--