Maoist movement is weak: छत्तीसगढ़ के सुकमा में इतनी बड़ी संख्या में हुआ नक्सलियों का आत्मसमर्पण, शांति की उम्मीद

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News India Live, Digital Desk: Maoist movement is weak:  छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता की खबर सामने आई है। जिला प्रशासन की पुनर्वास नीति और पुलिस के दबाव के चलते ₹1.18 करोड़ के कुल इनाम वाले 23 इनामी नक्सलियों ने मंगलवार को सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। यह कदम राज्य में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियान की एक बड़ी जीत और क्षेत्र में शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाता है।

सुकमा जिला मुख्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और 50वीं वाहिनी CRPF के डिप्टी कमांडेंट की मौजूदगी में इन 23 नक्सलियों ने औपचारिक रूप से हथियार डाले और मुख्यधारा में वापसी का संकल्प लिया। इन नक्सलियों में कुछ ऐसे थे जिन पर ₹8 लाख का इनाम घोषित था, वहीं कई ऐसे भी थे जिन पर ₹3 लाख का इनाम था। इनमें 16 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल हैं। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों का माओवादी संगठन में अलग-अलग कैडरों पर महत्वपूर्ण पद थे, जो इस संगठन की कमर तोड़ने जैसा है। यह संकेत देता है कि सुरक्षा बलों की रणनीति और सरकार की पुनर्वास योजनाएं सही दिशा में काम कर रही हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति, जिसे 'लोन वर्राट' अभियान (घर वापस आओ) कहा जाता है, इस तरह के बड़े आत्मसमर्पण के पीछे एक बड़ी वजह मानी जाती है। यह अभियान नक्सलियों को हिंसा का मार्ग छोड़कर शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। इसके तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास पैकेज दिया जाता है, जिससे उन्हें मुख्यधारा में लौटने और एक सामान्य जीवन शुरू करने में मदद मिलती है। इस नीति का उद्देश्य नक्सलियों को यह विश्वास दिलाना है कि हिंसा छोड़कर सरकार उन्हें विकास और सम्मान का जीवन देने को तैयार है।

इस बड़े आत्मसमर्पण से साफ है कि सुरक्षा बल, विशेषकर CRPF, नक्सल विरोधी अभियानों में सफल हो रहे हैं और इससे नक्सलियों के मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह घटना भविष्य में और भी नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है, जिससे छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में शांति और विकास की राह खुल सकेगी। यह सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी और छत्तीसगढ़ में शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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