Mangaluru Air India crash: ब्लैक बॉक्स ने खोले 14 साल पुराने राज, अमेरिकी 'गोल्डन चेसिस' ने निकाला डेटा

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News India live, Digital Desk : मंगलुरु एयर इंडिया दुर्घटना:  2010 में मंगलुरु में हुए भीषण एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान दुर्घटना की जाँच में 14 साल बाद एक बड़ी सफलता मिली है। इस हादसे में 158 लोग मारे गए थे। अब विमान का महत्वपूर्ण उड़ान डेटा रिकॉर्डर, जिसे आम बोलचाल में 'ब्लैक बॉक्स' कहा जाता है, से सारा 'कच्चा' डेटा सफलतापूर्वक निकाल लिया गया है। यह डेटा दुर्घटना के कारणों को समझने में अहम भूमिका निभाएगा।

डैमेज ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालना मुश्किल क्यों था?
दुर्घटना के बाद विमान का 'ब्लैक बॉक्स' यानी डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR) गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। एक सामान्य ब्लैक बॉक्स (DFDR) की डेटा स्टोरेज यूनिट उसकी उड़ान डेटा यूनिट से अलग होती है। इस मामले में, ब्लैक बॉक्स यूनिट तो ठीक थी, लेकिन डेटा को स्टोर करने वाली यूनिट ही बुरी तरह से खराब हो गई थी, जिससे डेटा निकालना असंभव लग रहा था।

अमेरिकी तकनीक 'गोल्डन चेसिस' का कमाल:
भारतीय जाँचकर्ता लंबे समय से इस मुश्किल का समाधान ढूंढ रहे थे। आखिरकार, अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) ने 'गोल्डन चेसिस' नाम की अपनी एक विशेष तकनीक उपलब्ध कराई। इसी अत्याधुनिक उपकरण की मदद से, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के दिल्ली स्थित DFDR लैब में भारतीय और अमेरिकी विशेषज्ञों की टीम ने मिलकर क्षतिग्रस्त ब्लैक बॉक्स से 49 घंटे का पूरा कच्चा डेटा सफलतापूर्वक निकाल लिया।

क्या होता है इस डेटा में?
ब्लैक बॉक्स से मिले इस डेटा में उड़ान के हर छोटे-बड़े पहलू की जानकारी दर्ज होती है, जैसे कि विमान की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति, कॉकपिट में पायलटों के कमांड, और अन्य सभी तकनीकी पैरामीटर्स। यह डेटा किसी भी विमान दुर्घटना की जाँच में सबसे महत्वपूर्ण सबूत होता है।

अब आगे क्या होगा?
अब इस बरामद डेटा का बारीकी से विश्लेषण किया जाएगा। जांच अधिकारी इस डेटा का मिलान विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR), एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) रिकॉर्डिंग, और विमान के रख-रखाव (मेंटेनेंस) के रिकॉर्ड के साथ करेंगे। इन सभी जानकारियों को मिलाकर दुर्घटना के सही कारण का पता लगाया जाएगा। यह जटिल प्रक्रिया है, जिसमें विशेषज्ञ बारीकी से काम करते हैं।

हादसे का दुखद इतिहास:
यह भयानक दुर्घटना 22 मई, 2010 को मंगलुरु में हुई थी, जब दुबई से आ रहा एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान (बोइंग 737-800) लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसलकर गहरी खाई में गिर गया था। इस दर्दनाक हादसे में विमान में सवार 166 लोगों में से 158 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान चली गई थी, केवल आठ लोग ही बच पाए थे।

जांच अधिकारियों को उम्मीद है कि इस महत्वपूर्ण डेटा से दुर्घटना के सटीक कारणों को समझने में मदद मिलेगी, जिससे अंतिम रिपोर्ट तैयार हो सकेगी। यह रिपोर्ट भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अहम सबक उपलब्ध कराएगी, और पीड़ित परिवारों को भी कुछ हद तक न्याय और मानसिक शांति प्रदान कर सकती है।

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