झारखंड पुलिस में बड़ा फेरबदल DGP अनुराग गुप्ता ने अचानक दिया इस्तीफा, IPS तदाशा मिश्रा को मिली कमान

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News India Live, Digital Desk: झारखंड में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के ठीक बाद पुलिस महकमे में एक बहुत बड़ा और अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को राज्य सरकार ने स्वीकार कर लिया है और उनकी जगह पर 1992 बैच की सीनियर आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को नया प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया गया है।

अनुराग गुप्ता के इस अचानक इस्तीफे ने राजधानी रांची से लेकर दिल्ली तक सियासी और प्रशासनिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।

क्यों देना पड़ा अनुराग गुप्ता को इस्तीफा?

अनुराग गुप्ता का कार्यकाल शुरू से ही विवादों में रहा है। वह इसी साल फरवरी में डीजीपी बने थे, लेकिन उनके खिलाफ कई गंभीर मामले चल रहे थे, जो उनके इस्तीफे की मुख्य वजह माने जा रहे हैं।

  • चुनाव आयोग की नाराज़गी: लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से हटाने का आदेश दिया था। उन पर 2016 के राज्यसभा चुनाव में एक उम्मीदवार विशेष को जिताने के लिए पद का दुरुपयोग करने (हॉर्स ट्रेडिंग) का गंभीर आरोप था, जिसे लेकर उन पर CBI जांच भी चल रही थी।
  • सरकार का दबाव: चुनाव आयोग के आदेश के बाद उन्हें पद से हटा तो दिया गया था, लेकिन चुनाव खत्म होते ही राज्य सरकार ने उन्हें दोबारा डीजीपी की कुर्सी पर बैठा दिया था। माना जा रहा है कि उनके खिलाफ चल रही जांचों और विवादों को देखते हुए सरकार पर उन्हें हटाने का भारी दबाव था।
  • व्यक्तिगत कारण या कुछ और?: हालांकि, अनुराग गुप्ता ने अपने इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है, लेकिन प्रशासनिक हल्कों में इसे उनके खिलाफ चल रही जांचों और सरकार की बदलती रणनीति का नतीजा माना जा रहा है।

कौन हैं झारखंड की नई 'लेडी सिंघम' तदाशा मिश्रा?

तदाशा मिश्रा झारखंड की दूसरी महिला डीजीपी बनी हैं। उनसे पहले निर्मला मीणा इस पद पर रह चुकी हैं। तदाशा मिश्रा एक तेज़-तर्रार और बेहद ईमानदार छवि की अधिकारी मानी जाती हैं।

  • 1992 बैच की IPS: वह झारखंड कैडर की 1992 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में डीजी, रेलवे के पद पर तैनात थीं।
  • लंबा और बेदाग करियर: अपने लंबे करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। उनकी गिनती उन अधिकारियों में होती है जो बिना किसी राजनीतिक दबाव के काम करने के लिए जानी जाती हैं।
  • बड़ी चुनौतियां: तदाशा मिश्रा के सामने अब राज्य की कानून-व्यवस्था को और बेहतर बनाने, पुलिस बल का आधुनिकीकरण करने और नक्सलवाद जैसी चुनौतियों से निपटने की बड़ी ज़िम्मेदारी होगी।

अनुराग गुप्ता के इस्तीफे और तदाशा मिश्रा की नियुक्ति को झारखंड में एक नए प्रशासनिक युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि नई डीजीपी की अगुवाई में राज्य पुलिस किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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