Lord Krishna : मथुरा-वृंदावन से भूलकर भी घर न लाएं ये एक चीज, बिगड़ सकता है जीवन का सुख
- by Archana
- 2025-08-07 16:50:00
News India Live, Digital Desk: Lord Krishna : भारत के पवित्र और आध्यात्मिक स्थलों में से एक मथुरा और वृंदावन, लाखों भक्तों को आकर्षित करते हैं। यह स्थान भगवान कृष्ण की लीलाभूमि के रूप में जाना जाता है, जहाँ कण-कण में भक्ति और आध्यात्मिकता समाई हुई है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपने साथ कुछ स्मृतियां और वस्तुएं ले जाना पसंद करते हैं। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार, वृंदावन या मथुरा से कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं, जिन्हें घर ले जाने से बचना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि ऐसा करने से आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
पौराणिक मान्यताओं और धार्मिक विद्वानों के अनुसार, वृंदावन को "रहस्यमय भूमि" माना जाता है, जहाँ आज भी भगवान कृष्ण अपनी राधा और गोपियों के साथ रात में रास लीला करते हैं। इस विश्वास के कारण, यहाँ के वातावरण को दिव्य और रहस्यमयी माना जाता है, और इसी से जुड़ी एक मान्यता यह है कि वृंदावन से मिट्टी या किसी भी प्रकार का कंकर या पत्थर घर नहीं लाना चाहिए।
कहते हैं कि वृंदावन की प्रत्येक धूल का कण राधा-कृष्ण से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि राधा-कृष्ण अपनी रास लीला के बाद वृंदावन को रात्रि के समय कभी नहीं छोड़ते, और यहीं वास करते हैं। इसलिए, यहाँ की मिट्टी, पत्थर या यहाँ की प्राकृतिक वस्तुओं को घर ले जाना ठीक नहीं माना जाता। कुछ लोगों का मानना है कि ऐसा करने से आपको अपने घर में उस आध्यात्मिक रहस्यमयी ऊर्जा का सामना करना पड़ सकता है, जिससे आपकी सामान्य दिनचर्या में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसका मतलब यह है कि वृंदावन की पवित्रता और उसके नियमों को वहीं तक सीमित रखना चाहिए, न कि उसे घर लाकर दैनिक जीवन के साथ मिश्रित करना चाहिए।
तो यदि आप वृंदावन की यात्रा कर रहे हैं, तो उसकी आध्यात्मिक ऊर्जा को वहीं रहने दें। अपने मन में कृष्ण भक्ति लेकर लौटें, न कि वहाँ की भौतिक वस्तुएं। आप स्मृतियों और भावनाओं को संजोएं, लेकिन वहां की मिट्टी और कंकड़ पत्थरों को वही छोड़ दें, जिससे वहां की पवित्रता बनी रहे और आपके जीवन में कोई अनावश्यक बाधा न आए। यह सिर्फ एक मान्यता है, जिसका पालन बहुत से भक्त करते हैं।
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