लालू यादव का सबसे बड़ा राजनीतिक धमाका, शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को रघुनाथपुर से मिला RJD का टिकट

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News India Live, Digital Desk: बिहार की राजनीति हमेशा ही अपनी अप्रत्याशित चालों और बड़े फैसलों के लिए जानी जाती है. इस बार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले एक ऐसी बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसने सिवान ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है! राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने सिवान के दिवंगत और कद्दावर नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को रघुनाथपुर विधानसभा सीट से पार्टी का सिंबल (टिकट) सौंप दिया है! लालू यादव का यह फैसला एक बेहद बड़ा और रणनीतिक दांव माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब तेजस्वी यादव पर मुस्लिम नेतृत्व को दरकिनार करने के आरोप लग रहे थे. ओसामा शहाब के राजनीति में आने और चुनाव लड़ने की अटकलें काफी समय से चल रही थीं, जिस पर अब विराम लग गया है.

कैसे तय हुई रघुनाथपुर सीट पर ओसामा की दावेदारी?

दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन का सिवान क्षेत्र में हमेशा से एकतरफा दबदबा रहा है, और उनके परिवार की उस क्षेत्र में जनता के बीच गहरी पैठ मानी जाती है. ओसामा की मां हिना शहाब पिछले काफी समय से अपने बेटे के राजनीतिक भविष्य और इस सीट से दावेदारी पेश कर रही थीं. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, हिना शहाब ने खुद लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात करके ओसामा के लिए रघुनाथपुर सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था, जिसे उन्होंने अपनी पारिवारिक और पारंपरिक सीट बताया था. अब लालू यादव के इस फैसले ने 'शहाबुद्दीन की राजनीतिक विरासत' को एक नया आयाम देते हुए, इसे औपचारिक रूप से आगे बढ़ा दिया है.

मौजूदा विधायक ने भी दिया ओसामा का साथ

इस खबर का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि रघुनाथपुर विधानसभा सीट से RJD के मौजूदा विधायक हरिशंकर यादव ने ओसामा शहाब के समर्थन में यह सीट छोड़ने का ऐलान कर दिया है. हरिशंकर यादव इस सीट से दो बार RJD के टिकट पर चुनाव जीत चुके थे और यह सीट फिलहाल आरजेडी के ही कब्जे में है. उनके इस त्याग और पार्टी के फैसले का सम्मान करने से सिवान में राजनीतिक गहमागहमी और बढ़ गई है. इससे 'सिवान की राजनीति' में एक नया समीकरण बनता दिख रहा है, जहां नए और पुराने चेहरों के बीच समन्वय बिठाया गया है.

कौन हैं ओसामा शहाब? युवा चेहरे की नई उम्मीद

ओसामा शहाब सिवान के ही रहने वाले हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई भी वहीं हुई थी. बाद में उन्होंने दिल्ली के जीडी गोयनका स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की और उच्च शिक्षा के लिए लंदन चले गए, जहां से उन्होंने एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. साल 2021 में सिवान की ही आयशा से शादी करने के बाद से ओसामा बिहार की राजनीति में सक्रिय रूप से दिख रहे हैं. उनके राजनीति में आने से युवाओं में भी एक नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है, जो भविष्य के 'बिहार के युवा नेताओं' के लिए एक मिसाल बन सकता है.

यह फैसला ऐसे संवेदनशील समय में आया है जब कुछ ही दिन पहले RJD के ही एक अन्य वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद मौलाना अखलाक अहमद शाहबुद्दीन (इन्हें पूर्व आरजेडी सांसद मौलाना शाहबुद्दीन से अलग समझा जाना चाहिए) ने तेजस्वी यादव पर मुस्लिम नेतृत्व को दरकिनार करने के गंभीर आरोप लगाए थे. ऐसे में ओसामा शहाब को रघुनाथपुर से टिकट देना 'लालू यादव का एम-वाई समीकरण' को फिर से मजबूत करने और इन आरोपों को खारिज करने का एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है. यह 'बिहार विधानसभा चुनाव 2025' की तैयारियों में RJD की सोची-समझी चाल का भी हिस्सा है.

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