पटना में बन रहा है लालू राबड़ी का आलीशान महल, विरोधियों के तीखे सवालों पर RJD ने दिया जवाब
News India Live, Digital Desk : बिहार की राजनीति में 'बंगला' हमेशा से ही एक हॉट टॉपिक रहा है। कभी सरकारी बंगला खाली करने को लेकर ड्रामा होता है, तो कभी नए घर की सजावट पर सवाल उठते हैं। इस बार सुर्खियों में है आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और पूर्व सीएम राबड़ी देवी का निर्माणाधीन घर। पटना में यह बंगला इतनी तेज़ी से और इतना भव्य बन रहा है कि विपक्ष की नज़रों में खटकने लगा है।
विपक्षी पार्टियों ने इसे भ्रष्टाचार का 'स्मारक' बताना शुरू कर दिया है। लेकिन अब आरजेडी के फायरब्रिगेड नेता और मनेर से विधायक भाई वीरेंद्र (Bhai Virendra) ढाल बनकर सामने आ गए हैं।
"पुराने ज़माने की जमीन है, अब घर बना रहे तो क्या दिक्कत?"
लालू परिवार पर हो रहे हमलों का जवाब देते हुए भाई वीरेंद्र ने विरोधियों को आईना दिखाया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने ठेठ अंदाज़ में कहा कि भाई, आखिर घर बनाना कब से गुनाह हो गया? उन्होंने साफ़ किया कि जिस ज़मीन पर यह भव्य इमारत बन रही है, वह कोई आज-कल की खरीदी हुई नहीं है, न ही किसी कब्जे वाली जमीन है।
भाई वीरेंद्र का तर्क है, "लालू जी और राबड़ी जी बिहार के मुख्यमंत्री रहे हैं। यह जमीन उन्होंने बरसों पहले खरीदी थी। अब अगर जीवन के इस पड़ाव पर वो अपने लिए एक रहने का आशियाना बना रहे हैं, तो इसमें लोगों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है?"
'सभी को हक है अच्छा घर बनाने का'
विपक्ष का आरोप है कि जनता परेशान है और यहां महलों जैसे घर बनाए जा रहे हैं। इस पर पलटवार करते हुए भाई वीरेंद्र ने कहा कि हर इंसान का सपना होता है कि उसका अपना एक सुंदर घर हो। अगर लालू परिवार अपनी पुरानी संपत्ति पर कानूनी तरीके से निर्माण करवा रहा है, तो इसे सियासी मुद्दा बनाना विपक्ष की 'मानसिकता' को दर्शाता है।
पटना का सबसे बड़ा निजी आवास?
चर्चा तो यहाँ तक है कि बनने के बाद यह पटना का सबसे बड़ा निजी रिहायशी इलाका हो सकता है। इसी भव्यता को देखकर बीजेपी और जेडीयू के नेता सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इतना पैसा कहां से आ रहा है? इसे लेकर ही भाई वीरेंद्र ने मोर्चा संभाला और इसे विरोधियों की जलन बताया।
कुल मिलाकर, पटना की सर्दी में इस 'महल' ने सियासी गर्मी बढ़ा दी है। एक तरफ ईंट-गारे से घर तैयार हो रहा है, तो दूसरी तरफ बयानों के तीर भी खूब चल रहे हैं। अब देखना होगा कि गृह प्रवेश तक यह विवाद और कितना गहराता है।
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