FD में निवेश से पहले जानें ये 5 जरूरी बातें: कितना सुरक्षित है, टैक्स के नियम, और ब्याज दर की जानकारी
एफडी (Fixed Deposit) यानी फिक्स्ड डिपॉजिट भारत में सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। यह निवेश का एक सुरक्षित तरीका होता है जिसमें आप तय अवधि के लिए पैसा बैंक या वित्तीय संस्था में जमा करते हैं और उस पर निश्चित ब्याज प्राप्त करते हैं। लेकिन एफडी में पैसा लगाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है ताकि आपकी बचत सुरक्षित रहे और आपको बेहतर रिटर्न मिल सके।
1. एफडी की सुरक्षा और भरोसेमंदता
एफडी एक सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि आपकी जमा राशि और ब्याज दोनों सुनिश्चित होते हैं। हालांकि, बैंक और कॉर्पोरेट एफडी में थोड़ा फर्क होता है। कॉर्पोरेट एफडी में जोखिम थोड़ा अधिक हो सकता है इसलिए निवेश से पहले कंपनी की क्रेडिट रेटिंग अवश्य जांचें। उच्च रेटिंग वाली कंपनियों (जैसे AAA) में निवेश करना ज्यादा सुरक्षित होता है।
2. न्यूनतम निवेश राशि
मुश्किल से किसी भी बैंक या कंपनी में एफडी के लिए ₹10,000 जैसे न्यूनतम निवेश की जरूरत होती है। हालांकि, यह राशि कंपनी और योजना के आधार पर अलग-अलग हो सकती है। अपने निवेश से पहले यह ध्यान रखें कि आप जिस योजना में निवेश कर रहे हैं, वहां न्यूनतम कितना पैसा लगाने की जरूरत है।
3. एफडी की अवधि (Tenure)
आपके लिए सही अवधि चुनना बेहद जरूरी है। एफडी सामान्यत: 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की हो सकती है। यदि आपको फंड्स जल्दी चाहिए, तो छोटी अवधि चुनें ताकि आपको ब्याज का घाटा न उठाना पड़े। ध्यान रहे, समय से पहले एफडी तोड़ने पर आपको पेनल्टी भरनी पड़ सकती है, जिससे कुल मिलने वाला ब्याज कम हो सकता है।
4. ब्याज दर और भुगतान विकल्प
एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर बैंक से बैंक और अवधि से अवधि अलग-अलग होती है। वरिष्ठ नागरिकों को आमतौर पर 0.5% अधिक ब्याज दर मिलती है। इसके अलावा, आप ब्याज की पेमेंट को मासिक, तिमाही, अर्धवार्षिक या अवधि समाप्ति पर एक साथ पाने के विकल्प चुन सकते हैं। मासिक या तिमाही ब्याज आपको नियमित आय प्रदान करता है जबकि जमा राशि और ब्याज दोनों का भुगत भुगतान अवधि पूरी होने पर होता है।
5. टैक्सेशन और टीडीएस नियम
एफडी से मिलने वाले ब्याज पर आयकर देना होता है। यदि ब्याज की राशि वार्षिक ₹40,000 से अधिक है, तो बैंक आपके ब्याज से टीडीएस काटते हैं। इसके लिए आप फॉर्म 15G/15H की मदद से टीडीएस से छूट भी पा सकते हैं यदि आपकी आय सीमा कम है। ध्यान रखें, एफडी का ब्याज आपकी कुल आय में शामिल होता है, इसलिए टैक्स की योजना बनाकर निवेश करें।
क्यों एफडी निवेश एक स्मार्ट विकल्प है?
एफडी से आपका मूलधन सुरक्षित रहता है और आपको तय ब्याज दर पर निश्चित रिटर्न मिलता है।
निवेश की अवधि लचीली होती है जिससे आप अपनी वित्तीय जरूरत के अनुसार चुनाव कर सकते हैं।
पावर ऑफ कंपाउंडिंग का लाभ पा सकते हैं, खासकर जब ब्याज पुनर्निवेश किया जाता है।
यदि आवश्यक हो तो पेनल्टी भरकर समय से पहले पैसे निकाले जा सकते हैं।
डीआईसीजीसी इंश्योरेंस के तहत ₹5 लाख तक की राशि सुरक्षित रहती है।
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