Political commentary : जानिए कैसे RSS प्रमुख की बात पर अखिलेश यादव ने खेल कर दिया

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News India Live, Digital Desk: Political commentary : राजनीति में बातें कब, कहाँ और कैसे पलट जाएँ, इसका अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब RSS प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ही अंदाज़ में जवाब दिया। इस बयानबाजी ने उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नई बहस छेड़ दी है।

भागवत ने क्या कहा था?

दरअसल, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि वह न तो खुद रिटायर होने वाले हैं और न ही किसी को रिटायर होने देंगे, बल्कि सभी को साथ मिलकर काम करना है। उनका इशारा संगठन को हमेशा सक्रिय और ऊर्जावान बनाए रखने की तरफ था। यह एक संगठनात्मक बयान था, लेकिन जब बात राजनीति के गलियारों तक पहुँची तो इसके मायने भी बदल गए।

अखिलेश यादव का जवाबी अंदाज़

जैसे ही यह बयान अखिलेश यादव तक पहुँचा, उन्होंने इस पर मज़ेदार और राजनीतिक चुटकी लेने में देर नहीं की। पत्रकारों ने जब उनसे इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने हंसते हुए कहा, "अच्छी बात है, न वो रिटायर हों और न किसी को होने दें। हम भी कहते हैं कि न हम रिटायर होंगे और न किसी को रिटायर होने देंगे।"

अखिलेश यादव का यह जवाब सीधा और सरल था, लेकिन इसके पीछे का राजनीतिक संदेश गहरा था। उन्होंने एक ही लाइन में यह साफ कर दिया कि वह भी लंबी राजनीतिक पारी खेलने के लिए तैयार हैं और मैदान छोड़ने वाले नहीं हैं। उनका यह कहना कि "न किसी को रिटायर होने देंगे," इसे सीधे तौर पर मौजूदा सरकार और खासकर बीजेपी के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

क्या हैं इस बयानबाजी के मायने?

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अखिलेश का यह बयान सिर्फ एक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास को दिखाता है। वह यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि समाजवादी पार्टी पूरी ताकत से मैदान में है और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए अभी से कमर कस चुकी है।

मोहन भागवत का बयान भले ही अपने कार्यकर्ताओं के लिए रहा हो, लेकिन अखिलेश यादव ने उसे एक राजनीतिक अवसर में बदलकर यह जता दिया है कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की सियासत और भी दिलचस्प होने वाली है।

 

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