कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव: जानिए क्यों आज सस्ता हुआ और आगे क्या है इशारा
Crude Oil Price Dips : चार दिनों की लगातार तेजी के बाद आज कच्चे तेल की कीमतों में हल्की सी नरमी देखने को मिली है। पेट्रोल और डीजल के दाम तय करने वाला यह कच्चा तेल आज थोड़ा सस्ता हुआ है, लेकिन इसके पीछे की कहानी काफी उलझी हुई है। बाजार में एक तरफ तेल की सप्लाई ज्यादा होने का डर है, तो दूसरी तरफ रूस में हो रही घटनाओं ने सप्लाई कम होने की चिंता भी बढ़ा दी है।
चलिए, इस पूरे मामले को आसान भाषा में समझते हैं।
OPEC+ का वो बड़ा फैसला जिसने बदला खेल
तेल उत्पादक देशों के सबसे बड़े समूह, ओपेक प्लस (OPEC+), ने हाल ही में एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने तय किया है कि अगले साल की शुरुआत (जनवरी से मार्च 2026) में वे तेल का उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे।
इस फैसले को ऐसे समझिए कि बाजार में यह डर था कि दुनिया में तेल की खपत कम हो रही है और सप्लाई बढ़ती जा रही है, जिससे कीमतें धड़ाम से गिर सकती हैं। इसी गिरावट को रोकने के लिए ओपेक प्लस ने उत्पादन पर एक तरह से 'ब्रेक' लगाने का फैसला किया है।
हालांकि, फिलहाल दिसंबर के लिए उन्होंने उत्पादन में रोजाना 1.37 लाख बैरल की मामूली बढ़ोतरी जारी रखी है, लेकिन नए साल में इस पर पूरी तरह रोक लगा दी जाएगी।
लेकिन कहानी में है एक बड़ा 'ट्विस्ट'
एक तरफ जहां ओपेक प्लस उत्पादन रोककर कीमतें संभालने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर रूस-यूक्रेन संकट की वजह से मामला और भी गंभीर हो गया है।
- अमेरिकी प्रतिबंध: अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इससे तेल की ढुलाई में देरी हो रही है और व्यापार धीमा पड़ गया है।
- यूक्रेन का ड्रोन हमला: हाल ही में यूक्रेन ने रूस के ब्लैक सी इलाके में एक बड़ा ड्रोन हमला किया, जिससे रूस की एक बहुत बड़ी तेल रिफाइनरी को अपना काम बंद करना पड़ा है।
इन दोनों घटनाओं का सीधा मतलब है कि बाजार में रूस से आने वाले तेल की सप्लाई कम हो रही है। यही वजह है कि कीमतों में बहुत बड़ी गिरावट नहीं आ रही है।
आज क्या हैं कीमतें?
- ब्रेंट क्रूड (Brent Crude): $64.80 प्रति बैरल के आसपास।
- अमेरिकी क्रूड (WTI): $60.95 प्रति बैरल के आसपास।
आगे क्या हो सकता है?
जानकारों का मानना है कि बाजार अभी असमंजस की स्थिति में है। ओपेक प्लस का फैसला कीमतों को गिरने से रोक रहा है, जबकि रूस की स्थिति कीमतों को बहुत ज्यादा बढ़ने नहीं दे रही है। एनी स्पा के सीईओ क्लाउडियो डेस्काल्ज़ी जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बाजार में तेल की सप्लाई बढ़ी भी, तो यह बहुत थोड़े समय के लिए होगी।
कुल मिलाकर, आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का यह खेल जारी रह सकता है, जिसका सीधा असर आने वाले समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है।
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