दिवाली के बाद भाई-बहन का सबसे बड़ा त्योहार! जानें कब है भाई दूज और तिलक का सबसे शुभ मुहूर्त
दिवाली के दीये भले ही ठंडे हो गए हों और मिठाइयों के डिब्बे खाली हो रहे हों, लेकिन त्योहारों का सिलसिला अभी खत्म नहीं हुआ है! अब बारी है उस सबसे खूबसूरत और प्यारे त्योहार की, जो भाई-बहन के अटूट रिश्ते और खट्टी-मीठी नोक-झोंक को समर्पित है - भाई दूज।
यह त्योहार सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि बहन का अपने भाई के लिए प्यार, उसकी लंबी उम्र की कामना और भाई का अपनी बहन की रक्षा का वचन है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है।
तो अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने से पहले, इस साल की सही तारीख और तिलक का सबसे शुभ मुहूर्त अपनी डायरी में नोट कर लीजिए।
भाई दूज 2025 की तारीख और शुभ संयोग
- भाई दूज की तारीख: इस साल भाई दूज का पर्व दिवाली के दो दिन बाद, 2 नवंबर 2025, रविवार को मनाया जाएगा।
- सबसे बड़ी खुशखबरी: इस साल एक बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है - भाई दूज के दिन भद्रा का साया बिल्कुल भी नहीं रहेगा। इसका मतलब है कि आप बिना किसी चिंता के दिन में किसी भी शुभ मुहूर्त पर अपने भाई को तिलक कर सकती हैं।
क्यों मनाते हैं यह पर्व? (यमराज से जुड़ी है कहानी)
मान्यता है कि इसी दिन मृत्यु के देवता यमराज अपनी बहन यमुना (यामी) के घर भोजन करने गए थे। यमुना ने अपने भाई का तिलक करके, प्रेम से भोजन कराया, जिससे यमराज इतने प्रसन्न हुए कि उन्होंने अपनी बहन को वरदान दिया। उन्होंने कहा कि आज के दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाकर उसके हाथ से तिलक करवाएगा और भोजन करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
भाई दूज 2025: तिलक का शुभ मुहूर्त (Tilak Shubh Muhurat)
इस साल भद्रा न होने के कारण तिलक के लिए काफी लंबा शुभ समय मिलेगा, लेकिन सबसे उत्तम मुहूर्त यह रहेगा:
- शुभ मुहूर्त: दोपहर 01:10 से लेकर दोपहर 03:21 तक।
कैसे करें पूजा? (सबसे सरल विधि)
बहनें पूजा की थाली सजाती हैं, जिसमें रोली, अक्षत (साबुत चावल), गोला (सूखा नारियल), मिठाई और दीया होता है। भाई को चौकी पर बिठाकर, बहनें उसके माथे पर तिलक लगाती हैं, उसकी आरती उतारती हैं, और उसे अपने हाथ से मिठाई खिलाकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई अपनी बहन को स्नेह के प्रतीक के रूप में कोई उपहार या शगुन देता है।
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