अमेरिका के लोगों की सुरक्षा के लिए, ट्रम्प का परमाणु युद्ध पर बड़ा बयान; जानिए मेदवेदेव की असली मंशा

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नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के साथ भू-राजनीतिक टकराव को एक खतरनाक मोड़ देते हुए घोषणा की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका रूस के साथ परमाणु युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार है। हालांकि, उन्होंने अपने बयान को थोड़ा संतुलित करते हुए यह भी जोड़ा कि "मुझे नहीं लगता कि ऐसी स्थिति में कोई जीतता है।" राष्ट्रपति ट्रम्प के ये तेज़तर्रार बयान वाशिंगटन और मॉस्को के बीच लगातार बिगड़ते संबंधों के बीच आए हैं, जो वैश्विक स्थिरता के लिए चिंता का सबब बन सकते हैं।

ट्रम्प का सीधा आदेश: रूस की सीमाओं के पास अमेरिकी परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती
डोनाल्ड ट्रम्प का यह बड़ा बयान रूसी जलक्षेत्र के करीब अमेरिकी परमाणु पनडुब्बियों की तैनाती के आदेश के ठीक बाद आया। इस सामरिक कदम से अमेरिका-रूस संबंधों में और तनाव बढ़ने की उम्मीद है। ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्पष्ट किया कि उन्होंने यह आदेश पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव द्वारा की गई "अत्यधिक उत्तेजक टिप्पणियों" के जवाब में जारी किया था। उन्होंने लिखा, "शब्दों का बहुत महत्व होता है। कभी-कभी वे अनपेक्षित परिणाम देते हैं। मुझे उम्मीद है कि मेदवेदेव की टिप्पणियों के साथ ऐसा नहीं होगा।"

शब्दों का युद्ध उग्र: मेदवेदेव का कड़ा पलटवार
ट्रम्प और मेदवेदेव के बीच कटाक्षों का दौर इस सप्ताह की शुरुआत में तब शुरू हुआ जब ट्रम्प ने गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर मेदवेदेव को रूस का असफल पूर्व राष्ट्रपति कहकर संबोधित किया। मेदवेदेव ने फौरन जवाब देते हुए कहा, "रूस हर मामले में सही है और अपने रास्ते पर चलता रहेगा।" यह युद्ध जैसी बयानबाजी तब और तेज हो गई जब मेदवेदेव ने ट्रम्प पर रूस के साथ "अल्टीमेटम गेम" खेलने का आरोप लगाया। मेदवेदेव ने एक पोस्ट में चेतावनी दी, "ट्रम्प को दो बातें याद रखनी चाहिए: पहला, रूस इज़राइल या ईरान नहीं है; और दूसरा, हर नया अल्टीमेटम एक खतरा है और युद्ध की ओर एक कदम है—यह युद्ध रूस और यूक्रेन के बीच नहीं, बल्कि रूस और उनके अपने देश (संयुक्त राज्य अमेरिका) के बीच होगा।"

अमेरिकी सैन्य क्षमताएं पूरी तरह तैयार, ट्रम्प का फिर से जोर
शुक्रवार को व्हाइट हाउस से निकलते समय पत्रकारों से संवाद करते हुए, ट्रम्प ने फिर दोहराया कि अमेरिका रूस से संबंधित किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार है। जब उनसे पनडुब्बियों के ठिकानों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने विवरण देने से मना कर दिया और कहा, "हमें ऐसा करना पड़ा। हमें बस सावधान रहने की जरूरत है। एक धमकी दी गई थी, और हमें यह उचित नहीं लगा, इसलिए मुझे बहुत सावधान रहना होगा।" उन्होंने यह भी कहा, "मैं यह हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए कर रहा हूँ। जब आप परमाणु शक्ति की बात करते हैं, तो आपको हमेशा तैयार रहना चाहिए। हम पूरी तरह से तैयार हैं।"

दिमित्री मेदवेदेव का राजनीतिक सफर
दिमित्री मेदवेदेव ने 2008 से 2012 तक रूस के राष्ट्रपति के तौर पर सेवाएं दीं। यह तब था जब व्लादिमीर पुतिन को संवैधानिक बाध्यताओं के चलते लगातार तीसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी। मेदवेदेव के राष्ट्रपति काल के बाद, पुतिन ने सत्ता संभाली और तब से वे लगातार रूस की सत्ता में बने हुए हैं। मेदवेदेव व्लादिमीर पुतिन के करीबी और रूस सरकार में एक वरिष्ठ व्यक्ति हैं। डोनाल्ड ट्रम्प के साथ उनकी यह जंग-ए-बयान दोनों प्रमुख शक्तियों के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव में एक नए अध्याय का प्रतीक है। यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और वैश्विक सुरक्षा पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है।
 

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