Kabir Bedi's emotional Revelation : तीसरी शादी बनी कड़वाहट की वजह, 3 साल तक बेटी पूजा से नहीं की बात
News India Live, Digital Desk: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता कबीर बेदी ने हाल ही में अपने जीवन के एक बेहद निजी और दर्दनाक दौर पर खुलकर बात की है, जब लगभग तीन साल तक उनकी अपनी बेटी, पूजा बेदी, से उनकी बातचीत बंद थी। यह कड़वाहट तब शुरू हुई जब कबीर बेदी ने 2016 में, अपने 70वें जन्मदिन पर, अपनी तीसरी पत्नी परवीन दुसांझ से शादी की। इस फैसले ने पिता-पुत्री के रिश्ते में एक बड़ी दरार ला दी थी।
कबीर बेदी ने इस बात को याद करते हुए बताया कि जब उन्होंने परवीन से शादी की, तो पूजा बेदी ने इस शादी का जबरदस्त विरोध किया। बात यहाँ तक बिगड़ गई थी कि पूजा ने अपनी नई सौतेली माँ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से तीखी टिप्पणियां की थीं। उन्होंने सोशल मीडिया पर परवीन को "दुष्ट सौतेली माँ" (evil stepmother) तक कह डाला था, जिसे बाद में उन्हें हटाना पड़ा था। कबीर बेदी के अनुसार, ये उनके जीवन के कुछ सबसे कठिन क्षण थे, जब वे अपनी ही बेटी से कट गए थे। उनका मानना था कि पूजा के सार्वजनिक बयानों ने उन्हें और परवीन, दोनों को काफी चोट पहुँचाई थी।
इन तीन सालों में कबीर और पूजा के बीच बातचीत पूरी तरह से बंद थी, जिससे परिवार के भीतर काफी तनाव रहा। किसी भी पिता के लिए अपनी बेटी से दूर रहना कितना दर्दनाक होता है, यह उन्होंने बयां किया। उन्होंने इस अवधि को बेहद दुखद बताया और कहा कि यह अलगाव उन्हें अंदर तक परेशान करता रहा।
हालांकि, समय और समझदारी ने धीरे-धीरे घावों को भरने का काम किया। अब कबीर और पूजा के बीच संबंध ठीक हो चुके हैं और उनके रिश्तों में गर्मजोशी वापस आ गई है। अच्छी बात यह भी है कि अब पूजा बेदी और परवीन दुसांझ के बीच भी चीज़ें सामान्य हो चुकी हैं। पूजा अब परवीन को सम्मान देती हैं और दोनों के बीच बेहतर तालमेल है।
कबीर बेदी की व्यक्तिगत जिंदगी हमेशा सुर्खियों में रही है। उन्होंने तीन शादियाँ कीं – उनकी पहली शादी मशहूर डांसर प्रोतिमा बेदी से हुई थी, जिनसे उनके बच्चे पूजा और सिद्धार्थ बेदी हुए। प्रोतिमा के निधन के बाद, उन्होंने ब्रिटिश फैशन डिजाइनर निक्की बेदी से शादी की, जिनसे वे बाद में अलग हो गए। अब वह परवीन दुसांझ के साथ अपने जीवन के खूबसूरत पल बिता रहे हैं। इस दुखद दौर से निकलकर उनके रिश्तों का पटरी पर लौटना एक राहत भरी खबर है, जो दिखाती है कि पारिवारिक रिश्तों में चुनौतियाँ कितनी भी बड़ी क्यों न हों, धैर्य और समझदारी से उन्हें सुलझाया जा सकता है।
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