JSSC CGL Result : छात्रों का इंतजार और बढ़ा, हाईकोर्ट ने रिजल्ट जारी करने पर लगी रोक हटाने से किया इनकार
News India Live, Digital Desk: झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (JSSC CGL) देने वाले लाखों छात्रों की उम्मीदों को एक बार फिर झटका लगा है। झारखंड हाईकोर्ट ने इस परीक्षा के रिजल्ट को जारी करने पर लगी रोक को हटाने से साफ इनकार कर दिया है। इसका मतलब है कि छात्रों को अपनी मेहनत का फल जानने के लिए अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
यह फैसला मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति नवनीत कुमार की खंडपीठ ने JSSC (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग) की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया।
क्यों लगा है रिजल्ट पर 'ग्रहण'?
यह पूरा मामला इसी साल 28 जनवरी को हुई JSSC CGL परीक्षा में हुए पेपर लीक से जुड़ा है। परीक्षा के आयोजन के तुरंत बाद, इसके प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिसके बाद भारी हंगामा हुआ था। छात्रों के जबरदस्त विरोध और प्रदर्शन के बाद सरकार को यह परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, हाईकोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया था और पूरी जांच प्रक्रिया पूरी होने तक रिजल्ट के प्रकाशन पर रोक लगा दी थी।
आयोग ने कोर्ट में क्या दलील दी?
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस रोक को हटाने की मांग की थी। आयोग की तरफ से दलील दी गई कि परीक्षा रद्द कर दी गई है और सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी कर दिया है, जो अपनी जांच कर रही है। इसलिए, अब रिजल्ट पर रोक लगाए रखने का कोई मतलब नहीं है और आयोग को आगे की प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत दी जानी चाहिए।
हाईकोर्ट ने क्यों नहीं मानी आयोग की बात?
लेकिन, हाईकोर्ट ने आयोग की इन दलीलों को नहीं माना। अदालत ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जब तक पेपर लीक मामले में SIT की पूरी जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती, तब तक रिजल्ट पर लगी रोक नहीं हटाई जाएगी।
कोर्ट ने कहा कि यह मामला हजारों छात्रों के भविष्य से जुड़ा है और यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि पूरी चयन प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और यह साफ नहीं हो जाता कि इस धांधली में कौन-कौन शामिल था, तब तक रिजल्ट जारी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
अब आगे क्या होगा?
इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 24 सितंबर तय की गई है। अब सभी की निगाहें SIT की जांच और 24 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं। राज्य के करीब 6 लाख छात्र, जो इस परीक्षा के जरिए एक बेहतर भविष्य का सपना देख रहे थे, फिलहाल अधर में लटके हुए हैं और सिर्फ इंतजार कर सकते हैं।
--Advertisement--