झारखंड का काला सोना अब बनेगा हरा सोना 45,000 हेक्टेयर ज़मीन भारत को बनाएगी नेट-ज़ीरो

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News India Live, Digital Desk: आपने अक्सर सुना होगा कि झारखंड कोयला खदानों के लिए मशहूर है. सदियों से यह ज़मीन देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करती आ रही है. लेकिन अब एक बड़ी अच्छी ख़बर आ रही है, जो इस बात का संकेत दे रही है कि झारखंड न सिर्फ हमारे वर्तमान को रोशन करेगा, बल्कि भविष्य को भी 'हरा-भरा' बनाने में मदद कर सकता है. एक हालिया अध्ययन बताता है कि झारखंड में कोयला खनन के बाद बेकार पड़ी लगभग 45,000 हेक्टेयर ज़मीन को ऐसे काम में लाया जा सकता है, जिससे भारत 'नेट-ज़ीरो' लक्ष्य हासिल करने में तेज़ी से आगे बढ़ेगा. है ना ये कमाल की बात

क्या कहती है ये स्टडी?

इस अध्ययन में कहा गया है कि झारखंड के पास इतना बड़ा इलाका है, जिसे कोयला खनन के बाद यूँ ही छोड़ा नहीं जाना चाहिए. सोचिए, 45,000 हेक्टेयर ज़मीन कोई छोटा आंकड़ा नहीं होता! इसे हम भविष्य के लिए एक बहुत बड़े अवसर के रूप में देख सकते हैं. 

कैसे बदलेगी इस ज़मीन की तकदीर?

यह स्टडी सुझाव देती है कि इस खाली पड़ी ज़मीन को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे न सिर्फ पर्यावरण सुधरेगा, बल्कि लोगों के लिए रोज़गार के नए मौके भी बनेंगे:

  1. कृषि भूमि और जंगल: कुछ ज़मीन को फिर से खेती के लायक बनाया जा सकता है, जिससे स्थानीय किसानों को फायदा होगा. साथ ही, बड़े पैमाने पर पेड़ लगाकर इसे घने जंगलों में बदला जा सकता है. इससे पर्यावरण संतुलन बना रहेगा और कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने में मदद मिलेगी, जो 'नेट-ज़ीरो' के लिए बहुत ज़रूरी है.
  2. इको-टूरिज़्म: कुछ जगहों को पर्यावरण-पर्यटन के केंद्रों के रूप में विकसित किया जा सकता है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा.

भारत के 'नेट-ज़ीरो' सपने को मिलेगी उड़ान

भारत ने साल 2070 तक 'नेट-ज़ीरो' (शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन) का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना होगा. झारखंड की इस खाली पड़ी ज़मीन का सही इस्तेमाल, इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने में एक गेमचेंजर साबित हो सकता है. यह न केवल हमारे देश को पर्यावरण के अनुकूल दिशा में ले जाएगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए बेहतर जीवन और आर्थिक स्थिरता भी लाएगा. यह सिर्फ ज़मीन का फिर से उपयोग करना नहीं है, बल्कि एक उज्जवल और स्वच्छ भविष्य का निर्माण करना है! 

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