Jharkhand wildlife : दलमा में हाथियों का दर्द,विश्व हाथी दिवस पर एक जमीनी रिपोर्ट
- by Archana
- 2025-08-12 13:33:00
Newsindia live,Digital Desk: विश्व हाथी दिवस के अवसर पर हाथियों के संरक्षण और उनकी सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। हाथियों के लिए प्रसिद्ध दलमा अभयारण्य में ही हाथी अब खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। लगातार मानवीय दखल और घटते प्राकृतिक वास के कारण ये विशालकाय जीव अक्सर आबादी वाले इलाकों का रुख कर रहे हैं, जिससे मानव-हाथी संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं।
दलमा अभयारण्य, जो कभी हाथियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह माना जाता था, अब कई चुनौतियों से जूझ रहा है। अभयारण्य के आसपास और गलियारों में बढ़ता शहरीकरण और निर्माण कार्य हाथियों के प्राकृतिक रास्ते में बाधा बन रहा है। भोजन और पानी की तलाश में हाथी अक्सर अपने पारंपरिक पथ से भटककर गांवों और खेतों में पहुंच जाते हैं, जहां उन्हें कभी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ता है तो कभी वे खुद फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं।
जानकारों का मानना है कि जब तक हाथियों के प्राकृतिक घरों और उनके आने-जाने के रास्तों यानी कॉरिडोर्स को सुरक्षित नहीं किया जाएगा, तब तक इस संघर्ष को रोक पाना मुश्किल है। हाथियों के व्यवहार में आ रहे इस बदलाव का मुख्य कारण उनके घर में हो रही छेड़छाड़ ही है। सरकार और वन विभाग को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि इन बेजुबान जीवों को एक सुरक्षित माहौल मिल सके और वे अपने प्राकृतिक घर में बिना किसी डर के रह सकें।
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