Jharkhand Politics : जयराम महतो ने सोरेन को दिया ऐसा सुझाव कि हिल गई झारखंड की राजनीति
News India Live, Digital Desk : झारखंड की राजनीति (Jharkhand Politics) इन दिनों किसी वेब सीरीज से कम नहीं है। हर रोज एक नया ट्विस्ट आता है। अभी हम JMM-BJP गठबंधन की चर्चा सुन ही रहे थे कि अब राज्य के युवा नेता और JLKM (झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा) के सुप्रीमो Jairam Mahto ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसने आग में घी डालने का काम किया है।
अक्सर सत्ता और विपक्ष दोनों को ललकारने वाले 'टाइगर' जयराम महतो ने खुले तौर पर यह कह दिया है कि JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) को BJP (भारतीय जनता पार्टी) के साथ मिलकर सरकार बना लेनी चाहिए।
सुनकर आप भी चौंक गए न? कि आखिर जयराम महतो, जो बीजेपी की भी आलोचना करते हैं, वो दोनों के मिलन की वकालत क्यों कर रहे हैं? आइए, आसान भाषा में इसके पीछे का लॉजिक समझते हैं।
"कांग्रेस की बैसाखी पर कब तक चलोगे?"
जयराम महतो ने अपनी बात बहुत ही तर्क के साथ रखी। उनका कहना है कि अभी जो सरकार चल रही है, वो गठबंधन की मजबूरी में फंसी हुई है।
उन्होंने साफ कहा कि Congress के सहारे सरकार चलाना मतलब 'बैसाखी' के सहारे चलना। कांग्रेस, जेएमएम पर दबाव बनाती है, ब्लैकमेल करती है और अस्थिरता का डर हमेशा बना रहता है।
जयराम महतो का मानना है कि:
- अगर जेएमएम कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लेती है, तो एक मजबूत सरकार बनेगी।
- बीजेपी केंद्र में पावर में है और जेएमएम राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है। ये दोनों मिलेंगे तो बार-बार गिरने-गिराने का डर खत्म हो जाएगा।
- कांग्रेस जैसी पार्टियों की 'ब्लैकमेलिंग' की राजनीति खत्म होगी और क्षेत्रीय अस्मिता बची रहेगी।
क्या जयराम की ये सलाह एक 'सियासी चाल' है?
राजनीतिक पंडितों (Experts) का मानना है कि जयराम महतो का यह बयान इतना सीधा भी नहीं है। इसके पीछे कई मायने हो सकते हैं:
- कांग्रेस को कमज़ोर करना: जयराम महतो यह जानते हैं कि झारखंड में उनका असली मुकाबला क्षेत्रीय मुद्दों पर है। अगर कांग्रेस सरकार से बाहर होती है, तो उनकी पकड़ और मजबूत होगी।
- हेमंत सोरेन को उकसाना: वो सोरेन को यह जताना चाह रहे हैं कि "देखिए, आप एक कमजोर पार्टनर (कांग्रेस) के साथ रहकर अपनी ताकत खो रहे हैं।"
- भविष्य की बिसात: हो सकता है जयराम महतो भविष्य की राजनीति को देखते हुए यह बयान दे रहे हों, क्योंकि राजनीति में कभी भी कुछ भी हो सकता है।
महतो ने बताई असली वजह
उन्होंने स्पष्ट किया कि मेरा मकसद किसी पार्टी का समर्थन करना नहीं है, बल्कि मैं राज्य में स्थिरता (Stability) चाहता हूं। उनका कहना है कि जब सरकार को रोज यही डर रहेगा कि 'आज गठबंधन टूटेगा, कल टूटेगा', तो वो विकास कब करेगी? इसीलिए JMM और BJP का नेचुरल एलायंस (भले ही विचारधारा अलग हो) प्रशासन चलाने के लिए बेहतर हो सकता है।
अब क्या होगा?
जयराम महतो की इस सलाह पर अभी तक जेएमएम या बीजेपी ने खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन अंदरखाने खलबली जरूर मची है। खासकर कांग्रेस खेमे में इस बयान के बाद बेचैनी देखी जा रही है। सोशल मीडिया पर जयराम के समर्थक इसे "सही सलाह" बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे बीजेपी का "B-टीम वाला बयान" कहकर आलोचना कर रहे हैं।
खैर, मकसद जो भी हो, लेकिन जयराम महतो ने यह बोलकर झारखंड की ठंडी हवाओं में सियासी गर्मी ज़रूर पैदा कर दी है!
--Advertisement--