Jharkhand Crime : अपराध की काली कमाई से काठमांडू में खरीदा था होटल गैंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी ने खोले सारे राज़
News India Live, Digital Desk : झारखंड की जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के काले कारनामों का कच्चा-चिट्ठा अब परत-दर-परत खुलने लगा है. इस बार यह खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि खुद सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा ने पुलिस की पूछताछ में किया है. रिया सिन्हा ने कबूल किया है कि उसके पति ने रंगदारी और लेवी से वसूले गए करोड़ों रुपये नेपाल की राजधानी काठमांडू में होटल खरीदने में लगाए थे.
रांची पुलिस द्वारा रिमांड पर ली गई रिया सिन्हा पूछताछ में टूट गई और उसने अपने पति के पूरे आपराधिक साम्राज्य और मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क का राज उगल दिया. उसका यह कबूलनामा पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.
कैसे ठिकाने लगाया जाता था रंगदारी का पैसा?
रिया सिन्हा ने पुलिस को बताया कि सुजीत सिन्हा का नेटवर्क सिर्फ झारखंड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उसके तार नेपाल तक फैले हुए हैं. उसने बताया:
- काठमांडू में बड़ा निवेश: सुजीत सिन्हा ने रंगदारी से वसूले गए करोड़ों रुपये से काठमांडू में एक आलीशान होटल खरीदा है.
- सहयोगी करते थे मदद: इस होटल की खरीद-फरोख्त में सुजीत के कई सहयोगियों ने उसकी मदद की, जो नेपाल में रहकर उसका कारोबार संभालते हैं.
- कई शहरों में खरीदी प्रॉपर्टी: सिर्फ काठमांडू ही नहीं, सुजीत ने अपराध की काली कमाई से रांची, जमशेदपुर, और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में भी जमीन और फ्लैट खरीदे हैं.
- सबकुछ पत्नी के नाम पर: पुलिस को यह भी पता चला है कि ज्यादातर बेनामी संपत्तियां और निवेश रिया सिन्हा और गिरोह के कुछ अन्य भरोसेमंद सदस्यों के नाम पर ही किए गए हैं, ताकि सुजीत सिन्हा का नाम सीधे तौर पर सामने न आए.
पुलिस को मिले कई अहम सुराग
रिया सिन्हा के इस कबूलनामे के बाद झारखंड पुलिस और भी ज़्यादा सक्रिय हो गई है. पुलिस को रिया के बैंक खातों से करोड़ों के ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं. साथ ही, उसके मोबाइल से भी कई अहम जानकारियां और संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं.
पुलिस को शक है कि सुजीत सिन्हा के गिरोह के तार सिर्फ नेपाल ही नहीं, बल्कि अन्य देशों से भी जुड़े हो सकते हैं. अब पुलिस उन सहयोगियों की तलाश में जुट गई है, जो विदेश में बैठकर सुजीत के पैसों को सफेद करने का काम कर रहे हैं. जांच एजेंसियां अब इस मामले में इंटरपोल की मदद लेने पर भी विचार कर रही हैं, ताकि काठमांडू स्थित होटल और अन्य विदेशी संपत्तियों को जब्त किया जा सके.
यह मामला दिखाता है कि कैसे अपराधी अब सिर्फ गोली-बंदूक के दम पर ही नहीं, बल्कि एक कॉर्पोरेट सिंडिकेट की तरह अपना नेटवर्क चला रहे हैं और अपराध से कमाए पैसों को सफेद करने के लिए देश-विदेश में निवेश कर रहे हैं.
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