Jharkhand crime : मस्जिद की जमीन के लिए खूनी खेल ,हजारीबाग में दो परिवार आपस में भिड़े, 10 घायल
News India Live, Digital Desk: झारखंड के हजारीबाग जिले से एक चिंताजनक खबर सामने आई है, जहाँ एक पुराने जमीन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया. मस्जिद और मदरसे की जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच हुई मारपीट में महिलाओं सहित कम से 'कम 10 लोग घायल' हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है.
क्या है पूरा मामला?
घटना हजारीबाग के दारू थाना क्षेत्र के इरगा गांव की है. यहाँ पिछले कई सालों से मस्जिद और मदरसे की एक जमीन को लेकर मोहम्मद शमशाद और जमालुद्दीन अंसारी के परिवारों के बीच 'विवाद' चल रहा है. मामला सिर्फ कहासुनी तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अदालत तक भी पहुँच चुका है, और फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है.
अदालत की 'अनादर' कैसे बनी हिंसा की वजह?
जानकारों के मुताबिक, इस जमीन पर फिलहाल कोर्ट ने किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने पर 'रोक' लगा रखी है. लेकिन आरोप है कि मोहम्मद शमशाद के परिवार वाले इस जमीन पर 'अवैध रूप से दीवार' खड़ी करने की कोशिश कर रहे थे. जब जमालुद्दीन अंसारी के परिवार वालों को इस बात की खबर लगी, तो वे वहां पहुंचे और उन्हें ऐसा करने से रोका.
बातचीत से शुरू हुआ, लाठी-डंडों पर हुआ खत्म
यहीं से बात बिगड़ गई. दोनों पक्षों के बीच पहले तो 'तीखी नोकझोंक' हुई, लेकिन देखते ही देखते यह बहस 'खूनी संघर्ष' में तब्दील हो गई. दोनों तरफ से 'लाठी-डंडे और पत्थर' चलने लगे. इस मारपीट में दोनों पक्षों के लोग घायल हुए. घायलों में महिलाएं भी शामिल हैं.
घायलों में एक पक्ष के जमालुद्दीन अंसारी, सकीना खातून, नौशाद अंसारी और आजाद अंसारी शामिल हैं, जबकि दूसरे पक्ष के मोहम्मद शमशाद, शकीला खातून, अकबर अंसारी, तमन्ना परवीन और एक अन्य व्यक्ति को भी गंभीर चोटें आई हैं. सभी घायलों को हजारीबाग के 'शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल' में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है.
गांव में तनाव, पुलिस कर रही जांच
घटना के बाद से गांव में 'तनाव का माहौल' बना हुआ है. सूचना मिलते ही दारू थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया. पुलिस ने दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले की 'जांच' शुरू कर दी है. पुलिस का कहना है कि जो भी कानून को अपने हाथ में लेने का दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ 'सख्त कार्रवाई' की जाएगी.
यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि कैसे जमीन के विवाद अगर समय पर और शांतिपूर्ण तरीके से नहीं सुलझाए जाएं, तो वे भयानक रूप ले सकते हैं.
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