Jharkhand ATS : झारखंड का गैंगस्टर, पाकिस्तान के हथियार, ATS के एक खुलासे ने पूरे देश में मचा दी खलबली

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News India Live, Digital Desk: Jharkhand ATS :  झारखंड में आतंक और रंगदारी का दूसरा नाम बन चुका गैंगस्टर अमन साहू अब सिर्फ राज्य के लिए ही नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा बन गया है. झारखंड ATS (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड) की जांच में एक ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. अब तक यही माना जाता था कि साहू का गिरोह बिहार के मुंगेर से हथियार खरीदता है, लेकिन अब पता चला है कि उसके तार सीधे पाकिस्तान और खालिस्तानी आतंकियों से जुड़े हैं और वहां से ड्रोन के जरिए अत्याधुनिक हथियार भारत भेजे जा रहे थे.

यह चौंकाने वाला सच अमन साहू के सबसे करीबी और राजदार गुर्गे हरेंद्र यादव ने ATS की पूछताछ में उगला है.

कैसे चल रहा था पाकिस्तान से हथियारों का खेल?

हरेंद्र यादव ने जो बताया है, वो किसी फिल्मी कहानी जैसा लगता है. उसने कबूल किया कि:

  • ड्रोन से होती थी डिलीवरी: पाकिस्तान से हथियारों की खेप ड्रोन के जरिए पंजाब बॉर्डर पर गिराई जाती थी. यह वही तरीका है जिसे अक्सर ड्रग्स और हथियार भेजने के लिए खालिस्तानी आतंकवादी इस्तेमाल करते हैं.
  • लॉरेंस बिश्नोई का सिंडिकेट करता था मदद: पंजाब में इन हथियारों को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू के गुर्गे मिलकर उठाते थे. लॉरेंस बिश्नोई का नेटवर्क इन हथियारों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाने और फिर झारखंड भेजने में पूरी मदद करता था.

यह खुलासा साफ करता है कि अमन साहू का गिरोह अब सिर्फ एक स्थानीय आपराधिक गैंग नहीं, बल्कि लॉरेंस बिश्नोई के राष्ट्रीय सिंडिकेट और देश विरोधी ताकतों का एक अहम हिस्सा बन चुका है.

क्यों पड़ी विदेशी हथियारों की जरूरत?

अमन साहू का मुख्य मकसद झारखंड के कोयला कारोबार पर एकछत्र राज करना है. इसके लिए वह कोयला कारोबारियों और ट्रांसपोर्टरों में अपना खौफ बनाए रखना चाहता है. जब पुलिस ने बिहार के मुंगेर से आने वाले हथियारों के नेटवर्क पर शिकंजा कसना शुरू किया, तो साहू ने अपना नेटवर्क और बड़ा कर लिया और अत्याधुनिक विदेशी हथियारों के लिए लॉरेंस बिश्नोई व खालिस्तानी आतंकियों से हाथ मिला लिया.

ATS के हाथ लगे अहम सुराग

ATS को हरेंद्र यादव के मोबाइल से कई अहम जानकारियां और कॉन्टैक्ट्स मिले हैं, जिनसे इस पूरे देश-विरोधी नेटवर्क की परतें उधेड़ने में मदद मिलेगी. यह मामला अब सिर्फ एक गैंगस्टर की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मामला बन गया ہے. ATS अब इस सिंडिकेट से जुड़े हर शख्स की कुंडली खंगाल रही है और जल्द ही इस मामले में और भी बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

 

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