जापान के प्रधानमंत्री ईशिबा की गठबंधन को ऊपरी सदन चुनाव में झटका: बहुमत से चूकी सरकार, राजनीतिक स्थिरता पर प्रश्नचिह्न
टोक्यो: जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु ईशिबा Shigeru Ishiba की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार को हाल ही में संपन्न हुए महत्वपूर्ण ऊपरी सदन (हाउस ऑफ काउंसिलर्स) के चुनावों में एक बड़ा झटका लगा है। चुनाव नतीजों के अनुसार, ईशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी LDP और उसके जूनियर सहयोगी कोमेइतो को ऊपरी सदन में बहुमत हासिल करने के लिए आवश्यक सीटों की संख्या जुटाने में विफलता मिली है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस परिणाम ने प्रधानमंत्री ईशिबा के राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है, खासकर ऐसे समय में जब उनकी सरकार पहले ही अक्टूबर के निचले सदन चुनाव में हार का सामना कर चुकी थी। ऊपरी सदन में बहुमत खोने के बाद, ईशिबा की सरकार अब दोनों सदनों में अल्पसंख्यक हो गई है, जो राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ा सकता है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, एलडीपी और कोमेइतो गठबंधन को कुल 125 सीटों की आवश्यकता थी, लेकिन वे केवल 47 सीटें ही जीत सके। यह हार पार्टी की स्थापना के बाद पहली बार है जब एलडीपी को दोनों सदनों में बहुमत गंवाना पड़ा है। इस चुनाव के नतीजे देश की राजनीतिक स्थिति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ माने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ईशिबा ने चुनाव के खराब प्रदर्शन को स्वीकार करते हुए कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं और देश के लिए काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि सरकार की आर्थिक नीतियों का प्रभाव अभी भी आम जनता तक पूरी तरह नहीं पहुंचा है[। इन परिस्थितियों के बावजूद, ईशिबा ने पद पर बने रहने और चुनौतियों का सामना करने की अपनी मंशा व्यक्त की है, हालांकि उन्हें पार्टी के भीतर से इस्तीफा देने या नया गठबंधन बनाने के लिए दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
इस चुनाव में, जनता ने विशेष रूप से बढ़ती महंगाई, कम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को लेकर असंतोष व्यक्त किया। वहीं, दक्षिणपंथी लोकलुभावन पार्टी सान्सेइतो Sanseito ने आप्रवासन विरोधी मुद्दों को उठाकर अच्छा प्रदर्शन किया है।
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