किस्मत बदलते देर नहीं लगेगी, मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात करें खीर का ये उपाय, भर जाएगी तिजोरी
News India Live, Digital Desk : हम सभी चाहते हैं कि हमारा घर खुशियों से भरा रहे, पर्स में कभी पैसों की किल्लत न हो और मन शांत रहे। अगर आप भी कुछ ऐसी ही कामना रखते हैं, तो हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2025) का दिन किसी वरदान से कम नहीं माना जाता।
भगवान श्री कृष्ण ने खुद गीता में कहा है कि "महीनों में, मैं मार्गशीर्ष हूँ।" जब खुद भगवान इस महीने को अपना स्वरूप मानते हैं, तो सोचिए इस महीने की पूर्णिमा कितनी खास होगी! यह दिन सिर्फ़ चाँद को देखने का नहीं, बल्कि अपने भाग्य के बंद दरवाजे खोलने का है।
आइए, बिल्कुल आसान भाषा में जानते हैं कि इस दिन आपको कौन से छोटे-छोटे उपाय (Upay) करने चाहिए, जो आपकी जिंदगी में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
1. चांदनी रात और खीर का भोग
आपने शरद पूर्णिमा पर खीर के महत्त्व के बारे में सुना होगा, लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भी इसका बहुत महत्त्व है।
शाम को माता लक्ष्मी की पूजा करें और भोग में मखाने और चावल की खीर चढ़ाएं। इसके बाद इस खीर को थोड़ी देर खुली चांदनी में रखें। माना जाता है कि पूर्णिमा की रात को चाँद की रोशनी में औषधीय गुण और सकारात्मक ऊर्जा (Positive Vibes) होती है। बाद में इसे पूरे परिवार के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। यह उपाय घर में मिठास और सुख-समृद्धि लाता है।
2. मुख्य द्वार को रोशन करें
दिवाली तो बीत गई, लेकिन क्या आपको पता है कि देवताओं के लिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा किसी दिवाली से कम नहीं होती? इस दिन शाम के वक्त अपने घर के मुख्य दरवाजे पर और तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक ज़रूर जलाएं। साथ ही, अगर हो सके तो दरवाजे पर हल्दी के पानी का छिड़काव करें। कहते हैं, जिस घर का द्वार रोशन और पवित्र होता है, माँ लक्ष्मी वहीं प्रवेश करती हैं।
3. पीपल के पेड़ की सेवा
शास्त्रों के अनुसार, पीपल के पेड़ में साक्षात भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है। पूर्णिमा के दिन सुबह पीपल की जड़ में थोड़ा सा दूध मिश्रित जल चढ़ाएं और शाम को वहाँ दीया जलाएं। अगर आप कर्ज से परेशान हैं या काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं, तो यह उपाय बहुत कारगर माना गया है।
4. दान, जो लौटकर दोगुना आए
सर्दियों का मौसम है, ऐसे में दान का महत्त्व और बढ़ जाता है। पूर्णिमा के दिन किसी ज़रूरतमंद को गर्म कपड़े, कंबल या अनाज का दान करें। धर्म कहता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना होकर वापस आपके पास आता है—कभी धन के रूप में, तो कभी दुआओं के रूप में।
5. चंद्रमा को अर्घ्य (मानसिक शांति के लिए)
अगर आपको बहुत ज्यादा तनाव रहता है या गुस्सा आता है, तो रात के समय अपने हाथों से चंद्र देव को जल अर्पित करें (अर्घ्य दें)। चंद्रमा मन का कारक है, और पूर्णिमा की शीतलता आपके मन को शांत करती है। दूध मिला हुआ जल चढ़ाना और 'ओम सोमाय नम:' कहना मन को बहुत सुकून देता है।
--Advertisement--