इस्लाम सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म, 10 साल में मुसलमानों की संख्या 347 मिलियन बढ़ी: प्यू रिपोर्ट
प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन के अनुसार, इस्लाम दुनिया में सबसे तेज़ी से बढ़ने वाला धर्म है। पिछले एक दशक में इसके अनुयायियों की संख्या किसी भी अन्य धार्मिक समुदाय की तुलना में सबसे ज़्यादा बढ़ी है। 2010 और 2020 के बीच, दुनिया भर में मुस्लिम आबादी में 34.7 करोड़ की वृद्धि हुई, जिससे वैश्विक धार्मिक परिदृश्य में एक बड़ा जनसांख्यिकीय बदलाव आया है। प्यू की रिपोर्ट कहती है कि इस बदलाव का मुख्य कारण धार्मिक परिवर्तन नहीं, बल्कि जनसंख्या वृद्धि है।
हालाँकि ईसाई धर्म अभी भी दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है, लेकिन दुनिया की आबादी में इसकी हिस्सेदारी थोड़ी कम हुई है, जबकि इस्लाम और अन्य धार्मिक समूहों का अनुपात बढ़ता रहा है। हिंदुओं की आबादी दुनिया की कुल आबादी के बराबर बढ़ी है, जो 2020 में 1.2 अरब तक पहुँच गई, जिनमें से 95 प्रतिशत भारत में हैं।
2020 तक, भारत की जनसंख्या में हिंदुओं की हिस्सेदारी 79 प्रतिशत थी, जो 2010 में 80 प्रतिशत थी। '2010 से 2020 तक वैश्विक धार्मिक परिदृश्य कैसे बदला' शीर्षक वाली रिपोर्ट बताती है कि भारत की जनसंख्या में मुसलमानों की हिस्सेदारी 2010 में 14.3 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 15.2 प्रतिशत हो गई है। वैश्विक जनसंख्या के अनुपात के रूप में, हिंदू 14.9 प्रतिशत पर स्थिर रहे हैं। यह 2010 के 15 प्रतिशत की तुलना में मामूली कमी है।
रिपोर्ट कहती है कि इन 10 सालों में यहूदियों की आबादी लगभग 6 प्रतिशत बढ़ी है। यहूदी आबादी 1.4 करोड़ से बढ़कर 1.5 करोड़ हो गई है। 2020 तक, इज़राइल में 45.9 प्रतिशत यहूदी रहते थे, जो किसी भी देश में सबसे बड़ी यहूदी आबादी है। उसके बाद उत्तरी अमेरिका में 41.2 प्रतिशत यहूदी रहते थे।
रिपोर्ट के अनुसार, बौद्ध एकमात्र प्रमुख धार्मिक समूह हैं जिनकी संख्या में एक दशक पहले की तुलना में 2020 में गिरावट आई है। दुनिया में बौद्धों की संख्या में 0.8 प्रतिशत की कमी आई है।
प्यू रिसर्च की रिपोर्ट कहती है कि 'नोनेस' तीसरा सबसे बड़ा बढ़ता हुआ समूह है। आपको बता दें कि आमतौर पर नोनेस वे लोग होते हैं जो किसी भी धर्म में विश्वास नहीं रखते। नोनेस की संख्या 27 करोड़ बढ़कर 1.9 अरब हो गई है। विश्व जनसंख्या में 'नोनेस' का हिस्सा लगभग एक प्रतिशत बढ़कर 24.2 प्रतिशत हो गया है।
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