International Politics : ट्रंप की एक गलती ने भारत को चीन के करीब ला दिया? पूर्व अमेरिकी NSA का बड़ा खुलासा
News India Live, Digital Desk: International Politics : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जेक सुलिवन ने डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों पर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। सुलिवन ने साफ शब्दों में कहा है कि ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) ने भारत को चीन के साथ बैठने पर मजबूर कर दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के रिश्ते सबसे नाजुक दौर से गुजर रहे हैं।
"अमेरिका ने खुद अपने पैर पर मारी कुल्हाड़ी"
जेक सुलिवन ने एक पॉडकास्ट में बात करते हुए कहा कि ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीति की वजह से दुनिया में अमेरिकी ब्रांड की छवि "गर्त में" चली गई है। उन्होंने कहा कि अमेरिका, जिसे दुनिया एक भरोसेमंद साथी के तौर पर देखती थी, आज उसे कई देश एक "विघटनकारी" या परेशानी खड़ी करने वाले देश के रूप में देख रहे हैं।सुलिवन के मुताबिक, ट्रंप की नीतियों का सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ है कि सालों की मेहनत से भारत के साथ बनाए गए मजबूत रिश्ते खतरे में पड़ गए हैं।
चीन को क्यों मिला मौका?
सुलिवन ने भारत का उदाहरण देते हुए समझाया कि कैसे अमेरिका ने एक बड़ा मौका गंवा दिया। कई सालों से अमेरिका, भारत को चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए एक अहम साथी के तौर पर देख रहा था और दोनों देशों के संबंध लगातार बेहतर हो रहे थे।लेकिन ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाकर इस पूरी रणनीति को कमजोर कर दिया।
सुलिवन ने कहा, “अब हालात ऐसे हो गए हैं कि भारतीय सोच रहे हैं कि उन्हें अमेरिका के खिलाफ बचाव के लिए चीन के साथ जाकर बात करनी चाहिए।” उनका मानना है कि ट्रंप के इस एकतरफा फैसले ने भारत को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि उसे अपने हितों की रक्षा के लिए दूसरे विकल्प भी खुले रखने चाहिए, जिसमें चीन के साथ बेहतर संबंध बनाना भी शामिल है।
क्या था ट्रंप का टैरिफ?
ट्रंप प्रशासन ने भारत से आने वाले कई सामानों पर 50% तक का भारी टैरिफ लगा दिया था। इसके पीछे रूस से तेल खरीदने जैसे कारण बताए गए, लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला ट्रंप की निजी नाराजगी का नतीजा था। इन टैरिफ का असर कपड़ा, गहने और मैकेनिकल उपकरणों जैसे कई भारतीय उद्योगों पर पड़ना तय माना जा रहा था।
यह खुलासा दिखाता है कि कैसे एक देश की नीतियां दूसरे देशों को नए समीकरण बनाने पर मजबूर कर सकती हैं। जहां एक तरफ अमेरिका भारत को अपना सबसे करीबी दोस्त बताता रहा, वहीं दूसरी तरफ उसके फैसलों ने अनजाने में ही भारत को उसके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी चीन के करीब जाने का एक कारण दे दिया।
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