भारत की तरक्की का नया इंजन! लॉजिस्टिक्स सेक्टर देगा लाखों नौकरियां, बदल जाएगी देश की तस्वीर

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जब भी हम भारत की आर्थिक प्रगति की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में अक्सर मैन्युफैक्चरिंग, आईटी या सर्विस सेक्टर का ख्याल आता है। लेकिन पर्दे के पीछे एक ऐसा विशाल और शक्तिशाली सेक्टर है, जो भारत की अर्थव्यवस्था की असली रीढ़ की हड्डी बन रहा है - और वो है भारतीय लॉजिस्टिक्स सेक्टर (Indian Logistics Sector)

सरकार ने हाल ही में एक बेहद उत्साहजनक दावा किया है जिसके अनुसार, भारत का लॉजिस्टिक्स उद्योग साल 2026 तक 10.7 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, यह इस बात का संकेत है कि देश में आने वाले समय में लाखों नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और 'मेक इन इंडिया' अभियान को एक नई, रॉकेट जैसी गति मिलेगी।

तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि यह लॉजिस्टिक्स सेक्टर आखिर है क्या, यह इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है, और इसका आपकी और हमारी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा।

क्या है लॉजिस्टिक्स सेक्टर? (समझें बिल्कुल आसान भाषा में)

कल्पना कीजिए कि आपने अमेज़न या फ्लिपकार्ट से एक मोबाइल फोन ऑर्डर किया। उस फोन का फैक्ट्री से निकलकर, बड़े गोदाम (Warehouse) में पहुंचना, वहां से आपके शहर के सेंटर तक आना, और फिर डिलीवरी बॉय द्वारा सुरक्षित आपके घर तक पहुंचाया जाना - यह पूरी प्रक्रिया ही लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन मैनेजमेंट (Supply Chain Management) का हिस्सा है।

संक्षेप में, किसी भी सामान के बनने की जगह से लेकर उसके ग्राहक तक पहुंचने की पूरी व्यवस्था को मैनेज करना ही लॉजिस्टिक्स कहलाता है। इसमें ट्रांसपोर्टेशन (ट्रक, ट्रेन, हवाई जहाज), वेयरहाउसिंग (भंडारण), इन्वेंट्री मैनेजमेंट, पैकेजिंग और लास्ट-माइल डिलीवरी जैसी कई चीजें शामिल हैं। जिस देश का लॉजिस्टिक्स सेक्टर जितना मजबूत और तेज होता है, उस देश की अर्थव्यवस्था उतनी ही तेजी से दौड़ती है।

इस रॉकेट-स्पीड ग्रोथ के पीछे क्या हैं बड़े कारण?

भारत का लॉजिस्टिक्स सेक्टर आज जो ऊंची छलांग लगा रहा है, उसके पीछे कई ठोस और बड़े कारण हैं, जिनमें सरकारी नीतियां और बदलते बाजार का सबसे बड़ा हाथ है।

  1. सरकार की मास्टर-स्ट्रोक नीतियां (PM Gati Shakti & National Logistics Policy):
    • नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी (National Logistics Policy - NLP): 2022 में लॉन्च की गई यह नीति इस सेक्टर के लिए एक गेम-चेंजर साबित हुई है। इसका मुख्य लक्ष्य लॉजिस्टिक्स की लागत को भारत की जीडीपी के 13-14% से घटाकर 8% तक लाना है, जो कि वैश्विक मानकों के बराबर है। इससे सामान सस्ता होगा और भारतीय उत्पाद दुनिया के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
    • पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान (PM Gati Shakti Master Plan): यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो रेलवे, सड़क, बंदरगाह जैसे 16 मंत्रालयों को एक साथ जोड़ता है। इसका फायदा यह है कि अब देश में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स (जैसे सड़कें, रेलवे लाइनें) की प्लानिंग और निर्माण बहुत तेजी से और बिना किसी रुकावट के हो रहा है, जिससे माल की आवाजाही पहले से कहीं ज्यादा सुगम हो गई है।
  2. इंफ्रास्ट्रक्चर का महाविस्तार: देश में तेजी से बन रहे नए एक्सप्रेसवे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (मालगाड़ियों के लिए अलग ट्रैक), नए हवाई अड्डे और बंदरगाहों का आधुनिकीकरण इस सेक्टर को पंख लगा रहा है।
  3. ई-कॉमर्स और 'डिलीवरी' क्रांति: भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का चलन तेजी से बढ़ा है। आज हम 10 मिनट में ग्रॉसरी डिलीवरी की उम्मीद करते हैं। इस तेज और एफिशिएंट डिलीवरी की मांग ने लॉजिस्टिक्स, खासकर लास्ट-माइल डिलीवरी और वेयरहाउसिंग को जबरदस्त बढ़ावा दिया है।
  4. GST - एक देश, एक बाज़ार: जीएसटी लागू होने से राज्यों की सीमाओं पर लगने वाले चेक-पोस्ट खत्म हो गए, जिससे ट्रकों का मूवमेंट पहले से कई गुना तेज हो गया है और ट्रांसपोर्टेशन का समय घट गया है।

करोड़ों नौकरियों का खुलेगा पिटारा: युवाओं के लिए सुनहरा अवसर

लॉजिस्टिक्स सेक्टर का विकास सिर्फ कंपनियों के लिए ही नहीं, बल्कि देश के युवाओं के लिए भी अपार संभावनाएं लेकर आ रहा है। अनुमान है कि यह सेक्टर आने वाले कुछ सालों में लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा।

  • किस तरह की नौकरियां मिलेंगी?
    • सप्लाई चेन मैनेजर्स
    • वेयरहाउस ऑपरेटर्स
    • ट्रक ड्राइवर्स और फ्लीट मैनेजर्स
    • डेटा एनालिस्ट्स
    • लॉजिस्टिक्स सॉफ्टवेयर डेवलपर्स
    • डिलीवरी पार्टनर्स और मैनेजर्स

यह सेक्टर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और एक 'विकसित भारत' के सपने को साकार करने में एक मुख्य इंजन की भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

 

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