छठ पर घर जाना है? रेलवे का 'मास्टरप्लान' तैयार, 3000 ट्रेनें रिजर्व में, 'वॉर रूम' से रखी जा रही है स्टेशनों पर नजर
Indian Railways Plan For Chhath Puja : दिवाली का त्योहार खत्म होते ही ट्रेनों और बसों में अब छठ महापर्व पर घर लौटने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा है। स्टेशनों पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई है, जिससे पैर रखने तक की जगह नहीं मिल रही। लेकिन अगर आप भी इस छठ पर घर जाने की तैयारी कर रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारतीय रेलवे ने इस भीड़ से निपटने के लिए एक 'मास्टरप्लान' तैयार कर लिया है।
रेलवे ने स्टेशनों पर उमड़ रही भारी भीड़ को कंट्रोल करने और यात्रियों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए ऐसे खास इंतजाम किए हैं, जो पहले कभी नहीं हुए। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने खुद इस बारे में जानकारी दी है।
3000 ट्रेनें स्टैंडबाय पर, भीड़ बढ़ते ही पटरी पर उतरेंगी
इस साल यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने पहले से ही 10,700 विशेष ट्रेनें चलाई हैं, जिनकी जानकारी IRCTC की वेबसाइट पर मौजूद है। लेकिन रेलवे यहीं नहीं रुका है। इसके अलावा, 3000 और ट्रेनों को पूरी तरह से रिजर्व यानी स्टैंडबाय पर रखा गया है।
इसका मतलब है कि जैसे ही किसी भी स्टेशन पर अचानक भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ेगी, तुरंत इन रिजर्व ट्रेनों को वहां भेजकर यात्रियों को रवाना कर दिया जाएगा, ताकि भगदड़ जैसी कोई स्थिति न बने।
क्या है रेलवे का 'वॉर रूम' और यह कैसे काम करता है?
रेलवे ने इस पूरी व्यवस्था को कंट्रोल करने के लिए तीन स्तरों पर 'वॉर रूम' बनाए हैं - डिवीजन, जोनल और बोर्ड लेवल पर। रेल भवन में एक मुख्य कमांड सेंटर बनाया गया है, जहां से पूरे देश के रेलवे नेटवर्क पर 24 घंटे रियल टाइम में नजर रखी जा रही है।
कैसे काम करता है वॉर रूम?
रेल मंत्री ने इसका उदाहरण देते हुए समझाया:
- सूरत का मामला: 18 अक्टूबर को सूरत के उधना स्टेशन पर अचानक बहुत भारी भीड़ हो गई। तुरंत वॉर रूम से कमांड दिया गया और आसपास के स्टेशनों पर रिजर्व में खड़ी ट्रेनों को उधना बुलाकर भीड़ को कुछ ही घंटों में रवाना कर दिया गया।
- अंबाला का मामला: ऐसी ही स्थिति एक दिन अंबाला में भी देखने को मिली। तब वॉर रूम के निर्देश पर जालंधर और आसपास के स्टेशनों से रिजर्व ट्रेनों को बुलाकर भीड़ को कम किया गया।
देश भर में ऐसे 80 से ज्यादा छोटे-बड़े वॉर रूम एक्टिव हैं, जो अधिकारियों को भीड़भाड़, यात्रियों की शिकायतों और किसी भी संभावित घटना का तुरंत समाधान करने में मदद कर रहे हैं।
इसके अलावा, इस साल बिहार जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए 18 जगहों तक ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या सिर्फ 7 थी। यह दिखाता है कि रेलवे इस बार छठ पर यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होने देना चाहता।
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