Indian Railways : खचाखच भरी ट्रेन में अब मिलेगा पैर रखने का सुकून, रेलवे ने सुनी टाटानगर-बक्सर के यात्रियों की गुहार

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News India Live, Digital Desk : टाटानगर से बक्सर के बीच रोजाना सफर करने वाले हजारों यात्रियों के लिए रेलवे ने एक बड़ी राहत दी है। अगर आप भी टाटानगर-बक्सर एक्सप्रेस (Tatanagar-Buxar Express) के जनरल डिब्बों में भेड़-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर यात्रा करने को मजबूर थे, तो अब आपके लिए थोड़ी सुकून भरी खबर है। यात्रियों की बेतहाशा भीड़ और उनकी लगातार शिकायतों को देखते हुए, दक्षिण-पूर्व रेलवे ने इस ट्रेन में एक अतिरिक्त अनारक्षित (जनरल) कोच लगाने का फैसला किया है।

दरवाजों पर लटककर सफर करने की थी मजबूरी

ट्रेन संख्या 18183/18184, टाटानगर-बक्सर-टाटानगर एक्सप्रेस, इस रूट पर चलने वाली सबसे महत्वपूर्ण ट्रेनों में से एक है। यह ट्रेन न केवल टाटानगर और बक्सर को जोड़ती है, बल्कि इसके रास्ते में आसनसोल जैसे बड़े स्टेशनों से भी हजारों दैनिक यात्री, मजदूर, छात्र और छोटे-मोटे काम करने वाले लोग सफर करते हैं।

पिछले काफी समय से इस ट्रेन के जनरल डिब्बों में हालात इतने खराब हो गए थे कि लोगों को पैर रखने तक की जगह नहीं मिल पाती थी। भीड़ इतनी ज्यादा होती थी कि लोग शौचालयों में बैठकर और दरवाजों पर जान जोखिम में डालकर लटकते हुए सफर करने को मजबूर थे। त्योहारों के समय तो स्थिति और भी भयावह हो जाती थी।

रेलवे ने सुनी यात्रियों की गुहार

यात्रियों द्वारा लगातार की जा रही शिकायतों और मांग को देखते हुए आखिरकार रेलवे प्रशासन जागा। चक्रधरपुर रेल मंडल ने मामले की गंभीरता को समझा और तत्काल प्रभाव से इस ट्रेन में एक अतिरिक्त जनरल कोच जोड़ने का निर्णय लिया। यह कोच ट्रेन के स्थायी कोच कंपोजिशन का हिस्सा होगा, यानी यह अब हमेशा लगा रहेगा।

क्या होगा इस एक कोच से फायदा?

हालांकि, एक अतिरिक्त कोच से भीड़ पूरी तरह खत्म तो नहीं होगी, लेकिन इससे निश्चित रूप से हजारों यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

  • अब कम से कम 100-150 और लोगों को बैठने या ढंग से खड़े होने की जगह मिल सकेगी।
  • दरवाजों पर लटकने की खतरनाक मजबूरी कुछ हद तक कम होगी।
  • सफर थोड़ा सुरक्षित और कम पीड़ादायक हो जाएगा।

रेलवे का यह छोटा सा कदम उन हजारों आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत है, जिनके लिए यह ट्रेन सिर्फ एक транспорт का साधन नहीं, बल्कि उनकी रोजी- रोटी का जरिया है। यात्रियों ने रेलवे के इस फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि भविष्य में भी उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ऐसे ही कदम उठाए जाएंगे।

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