जैसलमेर में भारतीय सेना का शक्ति प्रदर्शन, गरजते टैंकों और हेलीकॉप्टरों से थर्राया रेगिस्तान
News India Live, Digital Desk: राजस्थान का थार रेगिस्तान एक बार फिर भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का गवाह बना. जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित 'ऑपरेशन त्रिशूल' के दौरान सेना ने अपने आधुनिक हथियारों और युद्ध कौशल का जबरदस्त प्रदर्शन किया. इस युद्धाभ्यास में आसमान में मंडराते हेलीकॉप्टरों और जमीन पर गरजते टैंकों के बीच ऐसा तालमेल दिखा, जिसने दुश्मन के होश उड़ाने का संदेश दिया.
यह अभ्यास सेना की दक्षिणी कमान द्वारा आयोजित किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य था हवाई और जमीनी बलों के बीच तालमेल को परखना और युद्ध जैसी परिस्थितियों में दुश्मन को नेस्तनाबूद करने की रणनीति को और धारदार बनाना.
आसमान से बरसी आग, जमीन से उठी धमक
'ऑपरेशन त्रिशूल' के दौरान सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहा सेना के स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर 'रुद्र' और 'ध्रुव'. इन हेलीकॉप्टरों ने हवा से दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया. उन्होंने न केवल काल्पनिक दुश्मन के टैंकों को निशाना बनाया, बल्कि तेजी से सैनिकों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के ऑपरेशन को भी अंजाम दिया.
वहीं दूसरी ओर, जमीन पर टी-90 'भीष्म' और टी-72 टैंकों ने अपनी मारक क्षमता से रेगिस्तान में धमक पैदा कर दी. इन टैंकों ने चलते-फिरते लक्ष्यों पर सटीक गोले दागे और बताया कि क्यों इन्हें भारतीय सेना का 'अभेद किला' कहा जाता है. इस पूरे ऑपरेशन में बोफोर्स तोपों ने भी अपनी लंबी दूरी की मारक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर दिया.
क्यों खास था 'ऑपरेशन त्रिशूल'?
यह सैन्य अभ्यास कई मायनों में महत्वपूर्ण था:
- थल और वायु सेना का संगम: यह अभ्यास थल सेना और वायु सेना के बीच बेहतरीन तालमेल का एक उत्कृष्ट उदाहरण था. इसमें यह दिखाया गया कि कैसे दोनों सेनाएं मिलकर किसी भी ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकती हैं.
- आत्मनिर्भर भारत की ताकत: 'रुद्र' और 'ध्रुव' जैसे स्वदेशी हेलीकॉप्टरों का सफल प्रदर्शन 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को और मजबूती देता है.
- नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली: इस अभ्यास में आधुनिक संचार उपकरणों और तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिससे युद्ध के मैदान की लाइव जानकारी कमांडरों तक पहुंच रही थी. इससे तुरंत और सटीक फैसले लेने में मदद मिलती है.
- पश्चिमी सीमा पर संदेश: पाकिस्तान सीमा के करीब हुए इस युद्धाभ्यास के जरिए भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा पर अपनी तैयारी और ताकत का एक स्पष्ट संदेश भी दिया है.
'ऑपरेशन त्रिशूल' ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि भारतीय सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हर समय तैयार है. यह न केवल सेना के जवानों के मनोबल को बढ़ाने वाला है, बल्कि देश के लोगों में भी सुरक्षा की भावना को और मजबूत करता है.
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