पड़ोसी का धर्म निभाता भारत, भूकंप से तबाह अफगानिस्तान के लिए भेजी मदद
पड़ोसी देश अफगानिस्तान सोमवार को एक भयानक भूकंप से दहल गया. 6.3 की तीव्रता वाले इस जलजले ने पूर्वी अफगानिस्तान में भारी तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 800 से ज़्यादा लोगों के अपनी जान गंवाने की खबर है और 2800 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. संकट की इस मुश्किल घड़ी में, भारत एक सच्चे पड़ोसी का फ़र्ज़ निभाते हुए अफगानिस्तान की मदद के लिए सबसे आगे आया है.
भारत ने भेजी ज़रूरी सामानों की खेप
जैसे ही अफगानिस्तान में तबाही की खबर आई, भारत सरकार ने फौरन मदद का हाथ बढ़ाया. भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि भूकंप पीड़ितों के लिए तत्काल राहत सामग्री भेजी जा रही है. तस्वीरों में चावल और दूसरे खाने के सामानों से लदे ट्रक देखे जा सकते हैं, जो भारत की तरफ से भेजे गए हैं.
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि उन्होंने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री से बात की है और इस मुश्किल समय में भारत की तरफ से पूरी मदद का भरोसा दिलाया है. पहली खेप में 1000 फैमिली टेंट काबुल पहुंचा दिए गए हैं. इसके अलावा, भारतीय मिशन ने काबुल से 15 टन खाने-पीने का सामान भूकंप से सबसे ज़्यादा प्रभावित कुनार प्रांत में भेजा है. भारत से और भी राहत सामग्री जल्द ही भेजी जाएगी.
अफगानिस्तान में चारों तरफ मातम का माहौल
यह भूकंप अफ़ग़ानिस्तान के नांगरहार प्रांत में पाकिस्तान सीमा के पास आया। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, कुनार, लघमन, नांगरहार और नूरिस्तान जैसे प्रांतों में इस आपदा से 12,000 से ज़्यादा लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। हर तरफ मातम पसरा है और लोग अपनों को खोने के गम में डूबे हुए हैं। भारत की इस मदद को अफ़ग़ानिस्तान के लिए एक बड़ा सहारा माना जा रहा है। भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह मुश्किल घड़ी में अपने पड़ोसियों के साथ खड़ा है।
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