India on the path to freedom from malaria: स्वदेशी ADFALCVAX टीका लाया नई आशा
News India live, Digital Desk : India on the path to freedom from malaria: मलेरिया, एक ऐसा जानलेवा रोग जिसने सदियों से दुनिया भर में लाखों जानें ली हैं, भारत में भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। मच्छरों से फैलने वाली यह बीमारी हर साल हजारों लोगों को बीमार करती है और खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए घातक साबित हो सकती है। लेकिन, अब इस महामारी से लड़ने के लिए भारत ने अपना खुद का, पूरी तरह से स्वदेशी टीका (वैक्सीन) विकसित कर एक बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इसका नाम है ADFALCVAX
यह वैक्सीन किसी भी पश्चिमी देश द्वारा विकसित की गई मलेरिया वैक्सीन से अलग और काफी उम्मीदें जगाने वाली है।
कौन लाया ये बड़ी उम्मीद?
इस महत्वपूर्ण टीके को दिल्ली की प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के लाइफ साइंसेज स्कूल के प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत से तैयार किया है। इसमें भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने भी अपना पूरा सहयोग दिया है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो दिखाता है कि हमारे वैज्ञानिक भी वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने में पूरी तरह सक्षम हैं।
कैसे काम करता है ADFALCVAX और कितना प्रभावी है?
ADFALCVAX को प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) नामक मलेरिया परजीवी पर आधारित करके विकसित किया गया है। यह वही परजीवी है जो दुनिया में मलेरिया के सबसे गंभीर और घातक मामलों का कारण बनता है। जेएनयू के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह वैक्सीन मलेरिया संक्रमण की गंभीरता को या इससे होने वाली मौतों की दर को 80% तक कम करने में सक्षम है। यह आंकड़ा इसे अन्य मौजूदा मलेरिया टीकों की तुलना में काफी प्रभावी बनाता है, जिससे यह जानलेवा बीमारी से बचाव में गेम-चेंजर साबित हो सकता है। शुरुआती परीक्षणों में इसके प्रभावी और सुरक्षित होने के संकेत मिले हैं।
भारत और दुनिया के लिए इसका क्या महत्व है?
भारत का लक्ष्य है कि वह 2030 तक देश से मलेरिया को पूरी तरह खत्म कर दे। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने भी इस दिशा में वैश्विक स्तर पर एक बड़ी रणनीति बनाई है। ADFALCVAX जैसा स्वदेशी और प्रभावी टीका इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल हमारे देश में मलेरिया से होने वाली मौतों और बीमारियों को कम करेगा, बल्कि इसके सफल होने पर इसे विश्व स्तर पर भी निर्यात किया जा सकता है, जिससे मलेरिया से जूझ रहे अन्य विकासशील देशों को भी बड़ी मदद मिल सकेगी। यह भारत को वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक मजबूत पहचान दिलाएगा।
मलेरिया के खिलाफ यह लड़ाई अब एक नए चरण में पहुंच गई है, और ADFALCVAX वैक्सीन के साथ भारत इस लड़ाई का नेतृत्व करने को तैयार है। यह मानव जाति के लिए एक बड़ी जीत की उम्मीद जगाता है।
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