India China Defense : हवा का नया सिकंदर ,भारतीय अस्त्र मार्क-2 मिसाइल ने बढ़ाई चीन-पाकिस्तान की टेंशन

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News India Live, Digital Desk: आजकल हवा में होने वाली लड़ाइयों के नियम बदल गए हैं. अब वो ज़माना नहीं रहा जब लड़ाकू विमान एक-दूसरे के सामने आकर लड़ते थे. आज लड़ाई 'बियॉन्ड विज़ुअल रेंज' (BVR) यानी नजरों से मीलों दूर लड़ी जाती है. इस खेल में जिसके पास जितनी लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है, वो उतना ही बड़ा सिकंदर है. इसी मैदान में भारत का एक नया खिलाड़ी उतरने को तैयार है, जिसका नाम है 'अस्त्र मार्क-2'. यह कोई मामूली मिसाइल नहीं है, बल्कि यह चीन और पाकिस्तान के उस गुरूर का जवाब है, जिसे वे PL-15 मिसाइल कहते हैं.

क्यों मचा है 'अस्त्र मार्क-2' का हल्ला?

भारत का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), जो हमारी सेनाओं के लिए आधुनिक हथियार बनाता है, उसने 'अस्त्र मार्क-2' को तैयार किया है. पहले इसकी मारक क्षमता 160 किलोमीटर तय की गई थी, लेकिन अब DRDO ने इसके पंखों को और फैला दिया है. अब यह मिसाइल 200 किलोमीटर से भी ज़्यादा दूर अपने दुश्मन को तबाह कर सकेगी इसका सीधा मतलब ये है कि हमारे वायुसेना के पायलट दुश्मन की सीमा में घुसे बिना ही उसके जहाजों को आसमान से गायब कर सकते हैं.

अस्त्र मार्क-2 की सबसे बड़ी ताकत इसका पूरी तरह से स्वदेशी होना है. यह 'मेक इन इंडिया' की एक शानदार मिसाल है. इससे हमें मिसाइल के लिए किसी दूसरे देश पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. भारतीय वायुसेना ऐसे करीब 700 अस्त्र मार्क-2 मिसाइलें खरीदने की योजना बना रही है, जिन्हें सुखोई-30 MKI और तेजस जैसे हमारे सबसे दमदार लड़ाकू विमानों पर लगाया जाएगा.

चीन की PL-15 मिसाइल और पाकिस्तान का ख्वाब

चीन अपनी PL-15 मिसाइल का बहुत ढिंढोरा पीटता है, जिसकी रेंज 200 से 300 किलोमीटर बताई जाती है.पाकिस्तान भी इसी मिसाइल के एक छोटे संस्करण, PL-15E का इस्तेमाल करता है, जिसकी मारक क्षमता करीब 145 किलोमीटर है.लेकिन कहते हैं न, कथनी और करनी में फर्क होता है.

हाल ही में एक सैन्य तनाव के दौरान पाकिस्तान की तरफ से दागी गई एक चीनी PL-15E मिसाइल बिना फटे भारत की ज़मीन पर आ गिरी.यह घटना हमारे वैज्ञानिकों के लिए किसी लॉटरी से कम नहीं थी. उन्हें इस मिसाइल की तकनीक को परत-दर-परत समझने का एक सुनहरा मौका मिल गया जांच में पता चला कि इस चीनी मिसाइल में कुछ अच्छी टेक्नोलॉजी ज़रूर है, जैसे कि इसका AESA रडार और तेज रफ़्तार, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं. अब DRDO इस मिसाइल की खूबियों को अपनी 'अस्त्र' मिसाइल में शामिल कर रहा है, ताकि उसे और भी घातक बनाया जा सके

सिर्फ रेंज ही नहीं, तकनीक में भी आगे

'अस्त्र मार्क-2' की खासियत सिर्फ इसकी लंबी रेंज ही नहीं है. इसमें डुअल-पल्स रॉकेट मोटर लगा है, जो इसे आखिरी पलों में भी गजब की रफ़्तार देता है साथ ही इसमें भारत में बना एडवांस सीकर लगा है, जो दुश्मन के विमान को किसी भी हाल में बचने का मौका नहीं देता.

साफ शब्दों में कहें तो, 'अस्त्र मार्क-2' के आने से भारतीय वायुसेना को हवा में एक ऐसी बढ़त मिल जाएगी, जो आज तक नहीं थी. यह न सिर्फ चीन और पाकिस्तान के हवाई दावों की हवा निकाल देगा, बल्कि 'आत्मनिर्भर भारत' की ताकत को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.

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