Income Tax Return : आईटीआर फाइलिंग की नई तारीखें गैर ऑडिट मामलों के लिए पंद्रह सितंबर दो हज़ार पच्चीस
Newsindia live,Digital Desk: Income Tax Return : यदि आप कर ऑडिट से बाहर हैं तो आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अपने आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख एक साल में एक और बार बदलने वाली है पहले के विपरीत वित्तीय वर्ष दो हज़ार चौबीस पच्चीस के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देती है ऐसे व्यक्ति के लिए जो कर ऑडिट की आवश्यकता को पूरा नहीं करते हैं अंतिम समय सीमा में बदलाव से आयकर रिटर्न दाखिल करने में समय लगता है एक नई व्यवस्था होगी जो करदाताओं के लिए सुविधा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है इस मामले को लेकर सरकारी नियमों को अंतिम रूप दिया जा रहा है
टैक्स मास्टर के चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित मिश्रा के अनुसार उन करदाताओं के लिए जिनके लिए कोई ऑडिट की आवश्यकता नहीं है वित्तीय वर्ष दो हज़ार चौबीस पच्चीस के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की देय तिथि पंद्रह सितंबर दो हज़ार पच्चीस होगी हालांकि आयकर नियमों के अनुसार उन व्यक्तियों को जिन्हें ऑडिट कराने की आवश्यकता होती है अंतिम समय सीमा पहले की तरह एक निर्धारित सीमा में होगा आयकर विभाग समय सीमा के साथ अन्य आवश्यक बदलावों को भी लागू कर रहा है
यह याद रखना महत्त्वपूर्ण है कि दो हज़ार पच्चीस में होने वाले विधानसभा चुनावों का आयकर रिटर्न फाइलिंग प्रक्रियाओं पर असर पड़ सकता है यह सरकार पर एक प्रभाव हो सकता है ऐसे मामले में जिसमें बदलाव की कोई भी उम्मीद हो उसकी संभावना से बचा नहीं जा सकता यदि कोई विधानसभा चुनाव भारत सरकार या उसके राज्य में आते हैं
पहले व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख इकत तीस जुलाई तक रही है करों से छूट प्राप्त करदाताओं के लिए रिटर्न दाखिल करना आवश्यक था वित्तीय वर्ष दो हज़ार बीस इकत तीस जुलाई दो हज़ार इक्कीस के बाद इस प्रकार का संशोधन करने वाला अंतिम साल था
निर्धारित तारीखों के लिए टैक्स एक्सपर्ट और कर सलाहकार से बात की जा रही है इसके बाद कुछ नियमों को सरकार लागू करने पर विचार कर रही है आगामी वित्तीय वर्ष दो हज़ार चौबीस पच्चीस के लिए उन करदाताओं के लिए जिनकी कंपनियों या प्रतिष्ठानों का कर ऑडिट होना है उनके लिए एक नया रिटर्न जमा करने की नियत तारीख होगी जो तीस सितंबर दो हज़ार पच्चीस होगी
अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन या निर्धारित घरेलू लेनदेन में शामिल करदाताओं के लिए देय तिथि जो ऑडिट करने के लिए भी बाध्य हैं यह तारीख इक्कत तीस अक्टूबर दो हज़ार पच्चीस तक विस्तारित है इसका उद्देश्य कर अनुपालन को सुव्यवस्थित करना और करदाताओं के बोझ को कम करना है ताकि समय सीमा के कारण उन्हें अनावश्यक तनाव या जुर्माना का सामना न करना पड़े इसके अतिरिक्त सरकारी एजेंसियाँ कर अनुपालन की प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाने और बेहतर बनाने के लिए डिजिटल पहल कर रही हैं ये परिवर्तन देश की अर्थव्यवस्था के लिए कराधान प्रणाली को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में काम कर रहे हैं
विशेष रूप से आयकर विभाग द्वारा रिटर्न फाइलिंग पोर्टल का अपग्रेडेशन जारी रहेगा इसका उद्देश्य करदाताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करना और विभिन्न सेवाओं की पहुंच में सुधार करना है जो उन्हें आयकर रिटर्न फाइल करने के समय आवश्यक है कुल मिलाकर यह देखा जा सकता है कि वित्तीय वर्ष दो हज़ार चौबीस पच्चीस के लिए आयकर रिटर्न फाइलिंग प्रणाली की देय तिथियों में बदलाव का उद्देश्य कर प्रणाली में दक्षता पारदर्शिता और सुविधा में सुधार करना है सरकार इन संशोधनों के माध्यम से देश के वित्तीय भविष्य पर एक सकारात्मक प्रभाव डालने की कोशिश कर रही है
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