बनारस में हाहाकार! गंगा की विनाशकारी लहरें सब कुछ लील रहीं; आरती और अंतिम संस्कार भी छतों पर
नई दिल्ली: वाराणसी शहर गौतम की धरती का पवित्र शहर गंगा नदी के भयावह बाढ़ की चपेट में आ गया है। कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण, गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा है, जिसने काशी की 84 घाटों को पूरी तरह जलमग्न कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा ने शहर की दैनिक जीवन और धार्मिक प्रथाओं में व्यापक व्यवधान उत्पन्न कर दिया है। गंगा के पवित्र जल का प्रकोप अब सड़कों तक पहुंच गया है, खासकर अस्सी घाट पर, जहाँ बाढ़ का पानी सड़कों तक पहुंच गया है, जिससे स्थानीय प्रशासन को किनारे के बाजारों और दुकानों को खाली कराने का आदेश देना पड़ा है। दुकानदार अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं, इस डर से कि बाढ़ का पानी जल्द ही उनकी दुकानों में भी घुस सकता है।
गंगा आरती और दाह संस्कार भी प्रभावित: परंपराओं पर बाढ़ का ग्रहण
वाराणसी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर होने वाली भव्य गंगा आरती अब छतों पर की जा रही है, क्योंकि घाट की सीढ़ियां पूरी तरह से पानी में डूब चुकी हैं। इसी तरह, मणिकर्णिका घाट पर होने वाले अंतिम संस्कार भी ऊंचे प्लेटफॉर्म और छतों पर किए जा रहे हैं, क्योंकि पूरा घाट पानी के नीचे समा गया है। जल स्तर में इतनी वृद्धि के कारण, गंगा नदी में नाव संचालन को निलंबित कर दिया गया है।
सावन माह में भक्तों की बढ़ी मुश्किलें
पवित्र सावन मास जारी है, ऐसे में देश के सुदूर क्षेत्रों से भक्त और कांवरिये पवित्र स्नान करने और पवित्र जल लेने के लिए आ रहे हैं। हालांकि, बढ़ते जलस्तर के कारण, वे अब जलमग्न सीढ़ियों पर ही स्नान करने को मजबूर हैं, जो उनकी आस्था के रास्ते में एक बड़ी बाधा है।
खतरे के निशान पर गंगा: जानिए जलस्तर का पूरा ब्योवरा
वाराणसी में गंगा नदी के लिए आधिकारिक चेतावनी स्तर 70.262 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 71.262 मीटर पर है। फिलहाल नदी चेतावनी स्तर को पार कर 70.87 मीटर पर बह रही है। यदि जल स्तर इसी तेजी से बढ़ता रहा, तो शाम तक यह 71.3 मीटर तक पहुंच सकता है, जो खतरे के निशान को पार कर जाएगा।
CM योगी की सक्रियता: राहत कार्यों के लिए उच्च-स्तरीय निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ की गंभीर स्थिति के मद्देनजर राज्य के 12 प्रभावित जिलों में संकट प्रबंधन के लिए तत्काल निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने 'टीम-11' को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और प्रभावी राहत कार्यों को सुनिश्चित करने का कार्य सौंपा है। टीम-11 विशेष रूप से बाढ़ राहत प्रयासों की निगरानी करेगी।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों (DMs), पुलिस अधीक्षकों (SPs), मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMOs) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को 24x7 ज़मीन पर तैनात रहने और सक्रिय निगरानी तथा राहत कार्य करने का निर्देश दिया है। राहत शिविरों में स्वच्छ पेयजल, भोजन, चिकित्सा सहायता, और महिलाओं व बच्चों के लिए विशेष सुविधाओं की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
फसल नुकसान पर तत्काल सहायता
योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया है कि फसल के नुकसान, भूमि क्षरण और घर की संपत्ति के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में प्रभावित किसानों और निवासियों को 24 घंटे के भीतर वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।
राहत के लिए मंत्रियों की तैनाती:
सरकार ने राहत कार्यों की देखरेख के लिए विभिन्न जिलों में मंत्रियों के दौरे के लिए विशिष्ट तैनाती योजनाएं जारी की हैं:
प्रयागराज: कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी
जालौन: कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और संजय गंगवार
औरैया: स्वतंत्र देव सिंह और मंत्री प्रतिभा शुक्ला
हमीरपुर: रामकेश निषाद
आगरा: मंत्री जयवीर सिंह
मिर्जापुर: नंद गोपाल नंदी
वाराणसी: वित्त मंत्री सुरेश खन्ना
कानपुर देहात: कैबिनेट मंत्री संजय निषाद
बलिया: मंत्री दयाशंकर मिश्रा 'दयालु'
बांदा: नंद गोपाल नंदी
इटावा: मंत्री धर्मेंद्र प्रजापति
फतेहपुर: मंत्री जीत पाल
बाढ़ से उत्तराधिकार के इन प्रयासों से पीड़ित लोगों को त्वरित सहायता मिलने की उम्मीद है।
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