यदि आप इस राजमार्ग पर लड़कियों को मदद मांगते हुए देखें, तो अपनी गाड़ी न रोकें, आप मुश्किल में पड़ जाएंगे

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गर्ल्स गैंग न्यूज़: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कई जगहों पर लड़कियों का एक गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह मदद के नाम पर लोगों से पैसे मांगता है। अलीगढ़ में एक वीडियो वायरल होने के बाद इस 'ठग गिरोह' का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह में दो दर्जन से ज़्यादा लड़कियां शामिल हैं।

 

इस गिरोह में दो दर्जन से ज्यादा लड़कियां शामिल हैं। 
अगर आपको हाईवे या सड़क से गुजरते समय लड़कियों या महिलाओं का कोई समूह मदद मांगता दिखे, तो गाड़ी का ब्रेक लगाने से पहले दो बार सोचें। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कई जगहों पर लड़कियों का एक गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह मदद के नाम पर लोगों से पैसे मांगता है। अलीगढ़ में एक वीडियो वायरल होने के बाद इस 'ठग गिरोह' का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह में दो दर्जन से ज्यादा लड़कियां शामिल हैं। ये लड़कियां अलग-अलग इलाकों में सड़क के किनारे खड़ी हो जाती हैं। फिर वे गाड़ियों को रोकती हैं और बाढ़ प्रभावित बच्चों की मदद के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठती हैं। अलीगढ़, मेरठ से लेकर उत्तराखंड के रुद्रपुर तक ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

 

वीडियो पोस्ट से जानकारी सामने आई 
। पुलिस प्रशासन को भी लड़कियों के इस रैकेट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लड़कियों की ये हरकतें सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो से सामने आई हैं। कैलाश चौधरी नाम के एक शख्स ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर इस रैकेट पर सवाल उठाए हैं। उसने बताया कि उसने इन लड़कियों को पहली बार 3 अगस्त को लोधा इलाके के फगोई गांव के पास देखा था। इसके बाद 8 अगस्त को कैलाश ने लड़कियों को फिर से लोधा इलाके के खैर रोड पर लोसरा गांव के पास इसी तरह पैसे मांगते हुए पाया।

 

लड़कियों ने खुद को राजस्थान-गुजरात का बताया। 
उन्होंने बताया कि पूछताछ करने पर उनके जवाब संतोषजनक नहीं थे, जिससे शक पैदा हो रहा था। लड़कियों ने अच्छे कपड़े पहने हुए थे और कभी खुद को राजस्थान तो कभी गुजरात का बता रही थीं। उन्होंने जो आधार कार्ड दिखाया, वह भी फर्जी लग रहा था। आधार पर एक दक्षिण भारतीय भाषा लिखी थी। कुछ और सवाल पूछने पर लड़कियाँ टालमटोल करने लगीं। उन्होंने बताया कि वे अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक होटल में ठहरी थीं, लेकिन यह जानकारी भी सच नहीं निकली।

लड़कियों के पास पर्चे भी हैं। 
कैलाश चौधरी ने बताया कि लड़कियों के पास हिंदी और अंग्रेजी में लिखे पर्चे हैं, जिन पर बाढ़ प्रभावित बच्चों की मदद के नाम पर लोगों से पैसे मांगने की बात लिखी है। इस पर लिखा था- 'सभी भाई-बहनों से मेरा अनुरोध है कि वे सभी रानीपुर के निवासी हैं। मुश्किल की वजह से हमें अपने घर छोड़ने पड़े हैं। हमारे साथ छोटे-छोटे बच्चे हैं। हम खाने-पीने और कपड़ों के लिए लाचार हैं। कृपया हमारी मदद करें। ईश्वर आपकी मदद करेगा।'

एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने कहा कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। किसी ने कोई शिकायत नहीं की है। उन्होंने कहा कि वे जानकारी जुटा रहे हैं। अगर यह धोखाधड़ी का मामला है, तो कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर जारी दोनों वीडियो को लाखों लोग देख चुके हैं और अपनी प्रतिक्रियाएँ दे चुके हैं। कुछ लोगों ने आशंका जताई है कि ये लड़कियां बांग्लादेशी या रोहिंग्या हो सकती हैं। वहीं, कैलाश का कहना है कि अगर इन लड़कियों की वजह से किसी के साथ कोई घटना घट जाती है, तो कौन ज़िम्मेदार होगा?

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