Rajasthan Politics : हिम्मत है तो एक्शन लेकर दिखाओ ,गहलोत की चुनौती से राजस्थान की सियासत में भूचाल

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News India Live, Digital Desk: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर 'फोन टैपिंग का जिन्न' बोतल से बाहर आ गया है। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेहद आक्रामक रुख अपनाते हुए सीधे-सीधे मौजूदा भजनलाल शर्मा सरकार को खुली चुनौती दे डाली है। गहलोत ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर उनकी सरकार के खिलाफ फोन टैपिंग के सबूत हैं, तो बीजेपी सरकार बातें बनाने के बजाय हिम्मत दिखाकर कार्रवाई क्यों नहीं करती?

उनके इस बयान ने राज्य के सियासी पारे को अचानक से चढ़ा दिया है।

10 महीने हो गए, कर क्या रहे हो?

सोमवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अशोक गहलोत पूरे रौ में नजर आए। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "ये लोग (बीजेपी) बार-बार फोन टैपिंग का आरोप लगाते हैं। इनकी सरकार बने हुए 9-10 महीने हो गए। अगर हमारी सरकार ने किसी के फोन गैर-कानूनी तरीके से टैप किए थे, तो अब तक इन्होंने एक्शन क्यों नहीं लिया? केस दर्ज क्यों नहीं किया?"

उन्होंने आगे चुनौती देते हुए कहा, "सिर्फ आरोप लगाना बहुत आसान है। अगर आपके पास कोई सबूत है, तो कार्रवाई करके दिखाइए। देश जानना चाहता है।"

क्या है यह पूरा फोन टैपिंग मामला?

यह पूरा विवाद साल 2020 का है, जब अशोक गहलोत की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे। उस समय तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों ने बगावत कर दी थी, जिससे गहलोत सरकार गिरने की कगार पर आ गई थी।

उसी दौरान कुछ ऑडियो क्लिप्स वायरल हुई थीं, जिनके आधार पर आरोप लगे थे कि सरकार बचाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों और कांग्रेस के बागी विधायकों के फोन टैप किए गए। बीजेपी तब से ही इस मुद्दे को लेकर अशोक गहलोत पर हमलावर रही है और इसे लोकतंत्र की हत्या बताती आई है।

गहलोत का सीधा दांव: BJP को घेरा

अशोक गहलोत का यह ताजा बयान एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। वह जानते हैं कि 10 महीने बीत जाने के बाद भी अगर भजनलाल सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया है, तो या तो उनके पास पुख्ता सबूत नहीं हैं, या फिर वे इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक तौर पर जिंदा रखना चाहते हैं।

अपने इस बयान से गहलोत ने गेंद को अब पूरी तरह से भजनलाल सरकार के पाले में डाल दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी सरकार इस चुनौती को स्वीकार कर कोई कानूनी कदम उठाती है, या फिर यह मामला एक बार फिर सिर्फ सियासी बयानों तक ही सिमट कर रह जाएगा।

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