Hysterectomy : वो 5 बड़े बदलाव जो हर औरत को बच्चेदानी निकलवाने के बाद महसूस होते हैं।
News India Live, Digital Desk: अब बच्चेदानी निकालनी पड़ेगी..." यह एक ऐसा वाक्य है जिसे सुनकर कोई भी महिला एक पल के लिए घबरा सकती है। मन में तरह-तरह के सवाल उठने लगते हैं - इसके बाद क्या होगा? क्या मेरा शरीर पहले जैसा काम करेगा? क्या मैं 'औरत' नहीं रहूँगी? यह एक ऐसा बड़ा ऑपरेशन है जिसके बाद एक महिला के जीवन में कई शारीरिक और भावनात्मक बदलाव आते हैं, जिनके बारे में जानना बहुत ज़रूरी है।
बच्चेदानी (गर्भाशय या Uterus) को सर्जरी के ज़रिए हटाने की प्रक्रिया को हिस्टेरेक्टॉमी (Hysterectomy) कहते हैं। डॉक्टर यह फैसला तभी लेते हैं जब किसी गंभीर बीमारी का कोई और इलाज संभव नहीं होता।
आखिर बच्चेदानी निकालने की नौबत क्यों आती है?
डॉक्टर इस बड़े ऑपरेशन की सलाह कुछ गंभीर स्थितियों में ही देते हैं, जैसे:
- अत्यधिक ब्लीडिंग: जब पीरियड्स में या बिना पीरियड्स के भी ब्लीडिंग कंट्रोल नहीं होती और दवाओं का असर नहीं होता।
- एंडोमेट्रियोसिस: यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें गर्भाशय के अंदर की परत बाहर की तरफ बढ़ने लगती है, जिससे असहनीय दर्द होता है।
- कैंसर: गर्भाशय, सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) या अंडाशय (ओवरी) में कैंसर होने पर जान बचाने के लिए इसे निकालना ज़रूरी हो जाता है।
- गर्भाशय का अपनी जगह से खिसक जाना (Uterine Prolapse): जब गर्भाशय अपनी जगह से नीचे खिसक आता है।
ऑपरेशन के बाद आने वाले 5 सबसे बड़े बदलाव
1. पीरियड्स हमेशा के लिए बंद: बच्चेदानी निकालने का सबसे पहला और बड़ा असर यह होता है कि मासिक धर्म या पीरियड्स आना हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं। कई महिलाओं के लिए यह पीरियड्स के दर्द और झंझट से एक राहत की तरह होता है।
2. माँ बनने की क्षमता खत्म हो जाती है: यह एक बहुत बड़ा और भावनात्मक बदलाव है। चूंकि गर्भ बच्चेदानी में ही पलता है, इसलिए इसे निकालने के बाद महिला कभी भी माँ नहीं बन सकती।
3. मेनोपॉज (Menopause) का अचानक आ जाना: अगर बच्चेदानी के साथ-साथ अंडाशय (Ovaries) भी निकाल दिए जाते हैं, तो शरीर में महिला हार्मोन (एस्ट्रोजन) बनना बंद हो जाता है। इसके कारण मेनोपॉज तुरंत शुरू हो जाता है, जिसे 'सर्जिकल मेनोपॉज' कहते हैं। इसके लक्षण अचानक दिख सकते हैं, जैसे:
* शरीर में अचानक तेज गर्मी लगना (हॉट फ्लैशेज)
* मूड बदलना, चिड़चिड़ापन या डिप्रेशन
* योनि में सूखापन
* रात में पसीना आना
4. सेक्स लाइफ पर असर: यह एक आम चिंता है। कुछ महिलाओं को हार्मोनल बदलाव के कारण यौन इच्छा में कमी या योनि में सूखेपन का अनुभव हो सकता है। वहीं, दूसरी तरफ बहुत सी महिलाएँ जिन्हें दर्द और ब्लीडिंग की वजह से यौन संबंध बनाने में परेशानी होती थी, वे ऑपरेशन के बाद एक बेहतर सेक्स लाइफ का अनुभव करती हैं।
5. शरीर का आकार और वजन: कई महिलाओं को लगता है कि बच्चेदानी निकालने के बाद उनका वजन बढ़ जाएगा। हालांकि, सर्जरी का सीधा संबंध वजन बढ़ने से नहीं है। लेकिन मेनोपॉज के बाद मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
रिकवरी और आगे की ज़िंदगी
इस बड़ी सर्जरी के बाद ठीक होने में 4 से 8 हफ्ते लग सकते हैं। इस दौरान डॉक्टर भरपूर आराम करने, भारी सामान न उठाने और संतुलित आहार लेने की सलाह देते हैं। भावनात्मक रूप से भी यह एक बड़ा बदलाव होता है, इसलिए परिवार का साथ और सकारात्मक सोच बहुत ज़रूरी है।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि बच्चेदानी का ऑपरेशन एक महिला के 'औरत' होने को खत्म नहीं करता। यह गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाकर एक स्वस्थ और बेहतर जीवन जीने का एक ज़रिया है।
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