बिहार में सड़क पर मिलीं VVPAT की सैकड़ों पर्चियां, चुनाव आयोग में मचा हड़कंप, अधिकारी सस्पेंड
बिहार के समस्तीपुर से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले के शीतलपट्टी गांव में सड़क किनारे सैकड़ों की संख्या में वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) की पर्चियां बिखरी मिलीं, जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया और सियासी गलियारों में भी उबाल आ गया।
हालांकि, शुरुआती जांच में पता चला है कि ये पर्चियां असली मतदान की नहीं, बल्कि वोटिंग से पहले मशीनों की जांच के लिए की जाने वाली 'मॉक पोल' (Test Voting) की थीं। लेकिन इस घटना ने चुनाव सामग्री के प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर एक बड़ी लापरवाही उजागर कर दी है।
दिल्ली तक पहुंचा मामला, चुनाव आयोग का तुरंत एक्शन
मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग ने फौरन एक्शन लिया। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने समस्तीपुर के डीएम को तुरंत मौके पर पहुंचकर जांच करने का आदेश दिया।
चुनाव आयोग ने साफ किया, "ये मॉक पोल की पर्चियां हैं, इसलिए मतदान प्रक्रिया की पवित्रता पर कोई आंच नहीं आई है।" लेकिन इस बड़ी लापरवाही के लिए संबंधित सहायक निर्वाचन अधिकारी (ARO) को सस्पेंड कर दिया गया है और उन पर FIR भी दर्ज की जा रही है।
आखिर कहां से आईं इतनी सारी पर्चियां?
मौके पर पहुंचे समस्तीपुर के डीएम रोशन कुशवाहा ने बताया कि उन्हें सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में पर्चियां मिलने की सूचना मिली थी। उन्होंने समझाया कि आखिर इतनी पर्चियां आती कहां से हैं।
उन्होंने बताया, "वोटिंग मशीनों को तैयार करते समय, 5% मशीनों पर टेस्ट वोटिंग की जाती है, जिसमें हर मशीन पर करीब 1,000 वोट डालकर यह जांचा जाता है कि मशीन और चुनाव चिह्न सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं। इसी प्रक्रिया में भारी संख्या में टेस्ट पर्चियां निकलती हैं। जो पर्चियां मिली हैं, उनमें से कुछ कटी हुई हैं और कुछ बिना कटी हुई। मामले की गहराई से जांच की जा रही है।"
विपक्ष ने उठाए तीखे सवाल
इस घटना पर सियासत भी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है।
राजद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट किया, "समस्तीपुर के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र में सड़क पर बड़ी संख्या में EVM से निकली VVPAT पर्चियां फेंकी मिलीं। ये पर्चियां कब, कैसे, क्यों और किसके निर्देश पर फेंकी गईं? क्या 'चोर आयोग' इसका जवाब देगा? क्या यह सब बाहर से बिहार में डेरा जमाए बैठे 'लोकतंत्र के डकैत' के इशारे पर हो रहा है?"
फिलहाल, इन सभी पर्चियों को प्रशासन ने जब्त कर लिया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि मॉक पोल की इन पर्चियों को इस तरह लापरवाही से सड़क पर फेंकने का जिम्मेदार कौन है। चुनाव आयोग ने भले ही मतदान की निष्पक्षता का आश्वासन दिया है, लेकिन इस घटना ने चुनाव प्रक्रिया के प्रबंधन पर गंभीर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।
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