हिमाचल में मानसून की तबाही: 173 लोगों की जान गई, सैकड़ों सड़कें-ट्रांसफॉर्मर ठप, कई जिलों में जनजीवन गंभीर प्रभावित

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हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन की शुरुआत से अब तक 173 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 95 मौतें भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और मकानों के गिरने से हुई हैं, जबकि 78 लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई—जिनका मुख्य कारण फिसलन और दृश्यता की कमी रही। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार:

83 सड़कें पूरी तरह बंद

747 पावर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर (DTR) ठप

249 पानी सप्लाई स्कीमें बाधित

सबसे प्रभावित क्षेत्र

चंबा: 89 सड़कें बंद, 171 DTR डाउन, 93 जल योजना प्रभावित
कुल्लू: 67 सड़कें बंद, 188 पावर फीडर प्रभावित
मंडी: 181 सड़कें बंद, 82 पावर लाइंस ठीक नहीं, 186 जल योजनाएं ठप
ऊना: 3 सड़कें बंद, 205 DTR प्रभावित, 26 जल योजना मुश्किल में

हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स भी ठप

कुल्लू के मलाणा-1 हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में cofferdam के बह जाने से भारी नुकसान—भारी मशीनें भी पानी में बह गईं, बिजली उत्पादन ठप। रावी बेसिन के बजोली होली और बैरा डैम, ब्यास के सैंज-लारगी बैराज भी अधिक गाद के कारण बंद हैं। मलाणा-II डेम भी फिलहाल काम नहीं कर रहा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर पर असर

नेशनल हाईवे NH-305, NH-505, NH-21, NH-03 लैंडस्लाइड्स और मलबे से अस्थायी तौर पर बंद

कई आंतरिक सड़कें (चंबा, कुल्लू, मंडी, ऊना) पूरी तरह बाधित

ऊना ज़िले में 222mm से ज्यादा बारिश से घर, रास्ते और बाजार पानी-पानी; स्कूल बंद

राहत और पुनर्स्थापना

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) प्रशासन के साथ मॉनिटरिंग और राहत काम समन्वयित कर रहा है; अस्थायी सुधार संभव, लेकिन पूरी बहाली में समय लगेगा।

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