श्रावण मास के पहले सोमवार को कैसे करें शिव पूजा? जानें आसान विधि
श्रावण मास: श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से श्रावण मास की शुरुआत होती है। यह महीना देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा का विधान है। श्रावण मास में महादेव जल का लोटा चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति भक्ति भाव से उनकी पूजा करता है उसे वे सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। श्रावण में सोमवार के व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने के साथ ही शिवलिंग पर बिल्व पत्र, जल आदि अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसे में जानिए श्रावण के पहले सोमवार पर भगवान शिव की पूजा कैसे करें।
पहला सोमवार कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार , श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगा। श्रावण का पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 को पड़ेगा।
जल अभिषेक कब किया जाना चाहिए?
यद्यपि इस दिन शिव पूजा सुबह से शाम तक की जा सकती है, लेकिन पंचांग के अनुसार जलाभिषेक का शुभ समय नीचे दिया गया है।
* ब्राह्मी मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 05 बजकर 00 मिनट तक
* अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक
* प्रदोष काल - सायं 07:15 से 08:45 तक
जल अभिषेक किस मंत्र से करना चाहिए?
* ॐ नमः शिवाय
* ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
* ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।
* ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
* श्री भगवते साम्बशिवाय नमः
* ॐ शर्वाय नमः।
* ॐ विरूपाक्षाय नमः।
* ॐ विश्वरूपिणे नमः।
* ॐ कपर्दिने नमः।
* ॐ भैरवाय नमः।
* ॐ शूलपाणये नमः।
* ॐ ईशानाय नमः।
* ॐ महेश्वराय नमः।
* ॐ नमो नीलकंठाय।
* ॐ पार्वतीपतये नमः।
* ॐ पाशुपतये नमः।
* ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
सोमवार को पूजा कैसे करें?
सोमवार की सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ़ कपड़े पहनें। इसके बाद शिव मंदिर जाएँ या घर पर ही शिवलिंग स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करें। शिवलिंग का जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें। फिर बिल्वपत्र, सफ़ेद फूल, अक्षत और भस्म अर्पित करें। फिर तीन बार ताली बजाकर शिवजी को सफ़ेद मिठाई का भोग लगाएँ। सोमवार व्रत की कथा पढ़ें और आज शाम को भी यही पूजा करें।
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