थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर ऐतिहासिक टकराव: प्राचीन शिव मंदिरों को लेकर भू-राजनीतिक गरमाई
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित तीन प्राचीन हिंदू मंदिरों - प्रसाट ता मुएन थॉम (Prasat Ta Muen Thom), प्रसाट ता मुएन (Prasat Ta Muen) और प्रसाट ता मुएन तोच (Prasat Ta Muen Toch) - को लेकर दोनों देशों के बीच भू-राजनीतिक तनाव की स्थिति बनी रहती है। ये तीनों ही शिव को समर्पित मंदिर हैं और इनका ऐतिहासिक महत्व काफी अधिक है, क्योंकि ये 11वीं सदी के खमेर सम्राट राजा उदयदित्यवर्मन द्वितीय (King Udayadityavarman II) के शासनकाल से जुड़े हैं।
इन मंदिरों में उस समय के संस्कृत शिलालेख (Sanskrit inscriptions) भी पाए गए हैं, जो क्षेत्र की प्राचीन संस्कृति और इतिहास की गवाही देते हैं। सीमा रेखा के इतने करीब स्थित होने के कारण, इन पुरातात्विक स्थलों का मालिकाना हक और नियंत्रण दोनों देशों के लिए वर्षों से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। इस कारण, दोनों देशों के बीच कई बार छोटी-मोटी झड़पें और सीमा संबंधी विवाद सामने आए हैं। यह टकराव न केवल इन ऐतिहासिक इमारतों के प्रबंधन पर केंद्रित है, बल्कि यह सदियों पुरानी सांस्कृतिक विरासत की कस्टडी को लेकर भी है।
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