हिप दर्द का कारण हो सकता है अवास्कुलर नेक्रोसिस (AVN): जानिए लक्षण, जोखिम और उपचार

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क्या आपके कूल्हे या पीठ में लगातार दर्द रहता है, जो सामान्य आराम से ठीक नहीं होता? यह सिर्फ मांसपेशियों के खिंचाव या खराब पोश्चर की वजह नहीं, बल्कि अवास्कुलर नेक्रोसिस (AVN) जैसी गंभीर हड्डी की बीमारी भी हो सकती है। यह रोग तब होता है जब हड्डी तक खून का प्रवाह रुक जाता है, जिससे हड्डी कमजोर होकर धीरे-धीरे टूटने लगती है। अगर समय रहते इलाज न किया जाए, तो इससे गठिया और स्थायी विकलांगता भी हो सकती है।

अवास्कुलर नेक्रोसिस (AVN) क्या है?

AVN या ऑस्टियोनेक्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी हड्डी के ऊतक मृत हो जाते हैं क्योंकि उन्हें जरूरी रक्तसंचार नहीं मिल पाता। यह खून की सप्लाई बाधित होने से होता है। आमतौर पर यह कूल्हे (hip) की हड्डी में पाया जाता है, लेकिन कंधा, घुटना, टखना, हाथ और पैर की हड्डियां भी प्रभावित हो सकती हैं।

AVN के मुख्य कारण

लंबे समय तक उच्च मात्रा में स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल

अत्यधिक शराब पीना

हड्डी या जोड़ में चोट या फ्रैक्चर

रक्त परिसंचरण संबंधी बीमारी, जैसे सिकल सेल डिजीज

कोविड-19 जैसी बीमारियां या खून के थक्के बनना

कभी-कभी बिना स्पष्ट कारण भी हो सकता है

अवास्कुलर नेक्रोसिस के लक्षण

शुरुआत में AVN के कोई लक्षण महसूस नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है:

प्रभावित जोड़ में धीरे-धीरे बढ़ता दर्द, खासकर कूल्हे या घुटने में

चलने या खड़े होने पर दर्द महसूस होना

जोड़ की गति में कमी और जकड़न

लंगड़ाना या कदम उठाने में दिक्कत

बीमारी के अंतिम चरण में आराम करते समय भी दर्द रहना

AVN की जांच कैसे होती है?

डॉक्टर आपके जोड़ के दर्द और गतिशीलता का परीक्षण करेंगे। इसके अलावा एक्स-रे, MRI, CT स्कैन और बोन स्कैन से हड्डी की स्थिति और नुकसान की डिटेल्स पता लगाई जाती हैं।

अवास्कुलर नेक्रोसिस का उपचार

AVN का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे आपकी उम्र, बीमारी का चरण, हड्डी की स्थिति और कारण। इसका इलाज निदान के शुरुआती चरणों में गैर-सर्जिकल और बाद में सर्जिकल होता है।

गैर-सर्जिकल उपचार में शामिल हैं:

दर्द निवारक दवाएं (NSAIDs)

जोड़ पर भार कम करने के लिए आराम और क्रच का उपयोग

फिजिकल थेरेपी और विशिष्ट एक्सरसाइज

रक्त प्रवाह सुधारने वाली दवाएं, जैसे कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं

खून पतला करने वाली दवाएं अगर थक्के की समस्या हो

सर्जिकल विकल्प:

कोर डीकम्प्रेशन: हड्डी के अंदर छेद कर रक्त प्रवाह को बढ़ावा देना और दर्द कम करना

हड्डी का ग्राफ्टिंग: स्वस्थ हड्डी को मृत हिस्से में लगाया जाता है ताकि पुनर्निर्माण हो सके

ऑस्टियोटॉमी: हड्डी के आकार को बदल कर वजन को स्वस्थ हिस्से पर डालना

जोड़ प्रतिस्थापन (हिप रिप्लेसमेंट): जब हड्डी गिर गई हो या गंभीर नुकसान हो तो नया जोड़ लगाना

पुनर्योजी चिकित्सा: स्टेम सेल थेरेपी जैसे आधुनिक उपचार भी उपलब्ध हैं जो हड्डी की मरम्मत में मदद करते हैं

बचाव के उपाय

शराब का सेवन कम या बंद करें

धूम्रपान न करें

स्टेरॉयड दवाओं का सावधानीपूर्वक और डॉक्टर की सलाह से उपयोग करें

हड्डी की चोट लगने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लें

नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं

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