Hindi Cinema : रजत बेदी के पिता ने जब अमिताभ बच्चन को लिया, तो राजेश खन्ना ने क्यों बीच में ही ठप कर दी अपनी फ़िल्में?
News India Live, Digital Desk : Hindi Cinema : सुपरस्टारडम की दुनिया भी बड़ी अजीब होती है! जब कोई शिखर पर होता है, तो उसका एक-एक नख़रा भी ख़बर बन जाता है. राजेश खन्ना का ज़माना तो आपको याद होगा ही – उनकी चमक, उनका स्टारडम, एक वक़्त पर हर किसी के सर चढ़कर बोलता था. लेकिन एक बात आपने शायद नहीं सुनी होगी कि अपने स्टारडम के चरम पर भी उन्हें कभी-कभी कितनी अजीब चीज़ों पर गुस्सा आ जाता था या वो असुरक्षित महसूस कर लेते थे. ख़ासकर तब, जब कोई दूसरा सितारा चमक रहा हो, और उनका कोई अपना उसके साथ काम करे!
जब राजेश खन्ना ने बीच में ही छोड़ दी शूटिंग!
बात उन दिनों की है जब अमिताभ बच्चन धीरे-धीरे बॉलीवुड में अपनी जगह बना रहे थे और राजेश खन्ना 'सुपरस्टार' थे, जिनके आगे पीछे हर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर घूमता था. एक्टर रजत बेदी के पिता, नरेंद्र बेदी, उस दौर के एक जाने-माने निर्देशक थे. नरेंद्र बेदी ने राजेश खन्ना के साथ 'बेशर्म' और 'दिल दौलत दुनिया' जैसी कुछ हिट फ़िल्में की थीं, यानी दोनों की प्रोफेशनल बॉन्डिंग काफी अच्छी थी. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ, जिसने इस रिश्ते में दरार डाल दी और राजेश खन्ना इस कदर गुस्सा हो गए कि उन्होंने बीच में ही अपनी फिल्मों की शूटिंग बंद करवा दी.
क्या था पूरा मामला?
रजत बेदी के अनुसार, उनके पिता नरेंद्र बेदी को अमिताभ बच्चन के साथ भी एक फिल्म निर्देशित करने का मौका मिला था. उस वक़्त अमिताभ बच्चन स्टारडम के सीढ़ी पर चढ़ रहे थे, और राजेश खन्ना उस दौर के नंबर वन सुपरस्टार थे. शायद राजेश खन्ना को यह पसंद नहीं आया कि उनके अपने निर्देशक अब किसी और उभरते हुए स्टार के साथ काम कर रहे हैं, जो कहीं न कहीं उनकी 'गद्दी' पर बैठने की तैयारी कर रहा था.
इस बात पर राजेश खन्ना इतना नाराज़ हुए कि उन्होंने नरेंद्र बेदी को सीधा संदेश भिजवाया कि या तो वह उनके साथ काम करें या अमिताभ बच्चन के साथ. जाहिर तौर पर, कोई भी कलाकार ऐसे अल्टिमेटम से असहज हो सकता है. नतीजा ये हुआ कि नरेंद्र बेदी ने अपनी वो फिल्म बीच में ही छोड़ दी, और उन्हें लगा कि राजेश खन्ना उनकी बात समझेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इस घटना के बाद, राजेश खन्ना इतना आहत या नाराज़ हो गए कि उन्होंने नरेंद्र बेदी की जिन फिल्मों में वो काम कर रहे थे, उनकी शूटिंग से अचानक से दूरी बना ली. वो कई दिनों तक सेट पर ही नहीं आए और उन्होंने लगभग उन सभी फिल्मों की शूटिंग बीच में ही रोक दी. इससे नरेंद्र बेदी को भारी नुकसान हुआ. उनका मानना था कि अगर वो फिल्में पूरी हो जातीं तो उनके करियर को बहुत फायदा होता.
इस किस्से से पता चलता है कि सितारों की दुनिया में न केवल प्रतिस्पर्धा होती है, बल्कि भावनात्मक जुड़ाव और कभी-कभी असुरक्षा की भावना भी बहुत गहरी होती है, जिससे न केवल उनके संबंध बल्कि उनका काम भी प्रभावित होता है. यह सिर्फ एक सुपरस्टार का 'नख़रा' नहीं, बल्कि उस समय के बॉलीवुड की एक ऐसी तस्वीर है जहां कलाकारों के बीच प्रतिस्पर्धा इतनी तीव्र होती थी कि व्यक्तिगत रिश्तों पर भी इसका गहरा असर पड़ता था.
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