Health Warning : सुबह पेट साफ़ करने में लगता है जोर? संभल जाएं ,आपकी आंतों में हो सकता है बड़ा घाव

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News India Live, Digital Desk : हम सब अपनी जिंदगी में हर छोटी-बड़ी बीमारी पर खुलकर बात करते हैं चाहे वो सिरदर्द हो या बुखार। लेकिन एक समस्या ऐसी है जिस पर हम बात करने से कतराते हैं, और वो है कब्ज (Constipation) और टॉयलेट में होने वाली तकलीफ।

अक्सर देखा गया है कि लोग सुबह पेट साफ़ न होने पर जोर लगाते हैं। मल इतना सख्त हो जाता है कि उसे पास करते समय ऐसा लगता है मानो कांच के टुकड़े चुभ रहे हों। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो प्लीज, इसे हल्के में मत लीजिये। यह सिर्फ़ कब्ज नहीं है, यह एनल फिशर (Anal Fissure) की शुरुआत हो सकती है। आसान भाषा में कहें तो, मलद्वार की नाजुक त्वचा का छिल जाना या उसमें दरार पड़ जाना।

क्यों होती है ये दर्दनाक हालत?
इसका सबसे बड़ा कारण है हमारे खान-पान में गड़बड़ी। जब हम फाइबर (रेशेदार खाना) कम खाते हैं और पानी कम पीते हैं, तो मल पत्थर जैसा कड़ा हो जाता है। जब यह बाहर निकलता है, तो अंदरूनी हिस्सों को जख्मी कर देता है। नतीजा? भयानक दर्द, जलन और कभी-कभी खून आना। यह डर इतना बढ़ जाता है कि इंसान टॉयलेट जाने से ही घबराने लगता है।

लेकिन अच्छी बात यह है कि इसका इलाज आपकी रसोई में ही मौजूद है। अगर हालात बहुत नहीं बिगड़े हैं, तो कुछ घरेलू बदलाव करके आप इस मुसीबत से छुटकारा पा सकते हैं।

सख्त मल को 'मुलायम' बनाने के 3 पक्के उपाय:

1. पानी को बनाएं अपना सबसे अच्छा दोस्त
सुनने में बहुत आम लगता है, लेकिन यही सबसे बड़ी दवाई है। अगर शरीर में नमी नहीं होगी, तो मल सूखेगा ही।

  • नियम बनाएं: दिन भर में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं। सुबह उठते ही एक या दो गिलास गुनगुना पानी पीने की आदत डालें। यह आंतों की 'ग्रीसिंग' करता है और पेट बिना जोर लगाए साफ़ हो जाता है।

2. खाने में शामिल करें 'कुदरती झाड़ू' (Fiber)
फाइबर आंतों में एक झाड़ू की तरह काम करता है जो गंदगी को आसानी से बाहर धकेलता है।

  • क्या खाएं: पपीता (Papaya) सबसे बेस्ट है। पका हुआ पपीता मल को मुलायम करने में जादू जैसा काम करता है। इसके अलावा ओट्स, दलिया, और हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खाएं। मैदा और जंक फूड से कुछ दिन तौबा कर लें, क्योंकि ये आंतों में चिपक जाते हैं।

3. गर्म पानी का सेक (Sitz Bath)
अगर फिशर के कारण दर्द और जलन बहुत ज्यादा है, तो 'सिट्ज बाथ' (Sitz Bath) बहुत आराम देता है।

  • तरीका: एक बड़े टब में गुनगुना पानी भरें और उसमें 10-15 मिनट के लिए बैठ जाएं। यह सिकाई वहां की मांसपेशियों को रिलैक्स करती है, दर्द कम करती है और ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाकर घाव को जल्दी भरती है।

4. घी का जादू
दादी-नानी कहती थीं कि नाभि में और खाने में घी का इस्तेमाल आंतों को चिकनाई देता है। रात को गर्म दूध में एक चम्मच देसी घी मिलाकर पीने से सुबह पेट बहुत आसानी से साफ़ होता है।

हमारा सुझाव:
शर्म को साइड में रखिए। अगर इन घरेलू उपायों से 3-4 दिन में आराम न मिले, या दर्द बर्दाश्त से बाहर हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। याद रखें, आपका पेट ठीक है, तो आधी बीमारियां वैसे ही दूर हो जाएंगी। अपनी सुबह को दर्दनाक नहीं, सुकून भरा बनाएं!

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