Health Services in Bihar in a bad state: एसकेएमसीएच में डॉक्टरों की भारी कमी मरीजों की जान खतरे में

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News India Live, Digital Desk: Health Services in Bihar in a bad state: बिहार के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक, श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर, इन दिनों गंभीर बदहाली से जूझ रहा है। यह अस्पताल, जो उत्तर बिहार के बड़े हिस्से की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करता है, इस समय डॉक्टरों की भारी कमी के कारण आपातकाल से लेकर गहन चिकित्सा इकाई आईसीयू तक, हर विभाग में समस्याओं से घिरा हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार, इस विशाल अस्पताल में डॉक्टरों के स्वीकृत 417 पदों में से मात्र 160 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। यह संख्या मौजूदा ज़रूरत का एक-तिहाई भी नहीं है। विशेषज्ञों की यह भारी कमी आपातकालीन सेवाओं को सीधे तौर पर प्रभावित कर रही है, जहाँ गंभीर मरीजों को तत्काल सहायता मिलना मुश्किल हो रहा है। इसी तरह, आईसीयू जैसी संवेदनशील इकाईयों में भी, जहाँ हर पल विशेष निगरानी और देखभाल की आवश्यकता होती है, मरीजों को पर्याप्त चिकित्सा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इससे न केवल इलाज की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि मरीजों की जान को भी खतरा पैदा हो रहा है।

इस स्टाफ संकट का सीधा असर अस्पताल के अन्य विभागों, जैसे ओपीडी, सामान्य वार्ड, और सर्जरी पर भी पड़ रहा है। मरीजों को लंबे समय तक इंतज़ार करना पड़ता है और कई बार उन्हें बिना इलाज के ही लौटना पड़ता है या अन्य निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है, जो उनके लिए एक बड़ी वित्तीय चुनौती होती है। यह स्थिति अस्पताल की मूलभूत सेवाओं पर एक अतिरिक्त दबाव डाल रही है, जिससे स्टाफ के मौजूदा सदस्यों पर काम का बोझ बेतहाशा बढ़ गया है, जिससे उनकी दक्षता और मरीज की देखभाल की गुणवत्ता दोनों प्रभावित हो रही हैं।

एसकेएमसीएच जैसी बड़ी चिकित्सा संस्थाओं की यह बदहाली बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है। राज्य सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह तत्काल इन खाली पदों को भरे, चिकित्सा सुविधाओं में सुधार करे और पर्याप्त संसाधनों का आवंटन करे ताकि मरीजों को बेहतर और समय पर इलाज मिल सके। जनता के स्वास्थ्य को लेकर यह लापरवाही एक गंभीर चिंता का विषय है, और इस पर अविलंब ध्यान देने की आवश्यकता है।

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